Naresh Meena slapping incident : कोर्ट ने Naresh Meena की फिर बढ़ा दी टेंशन ! , जानिए वजह ।
Thursday, Nov 28, 2024-03:27 PM (IST)
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नरेश मीणा की फिर बढ़ी मुश्किलें
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नरेश मीणा की बढ़ाई न्यायिक हिरासत
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कोर्ट ने 7 दिसंबर 2024 तक भेजा जेल
टोंक, 28 नवंबर 2024 । राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा, जो हाल ही में एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में चर्चा में थे, एक बार फिर उनकी मुश्किले बढ़ती ही नजर आ रही है । दरअसल कोर्ट ने नरेश मीणा की एक बार फिर न्यायिक हिरासत बढ़ा दी हैं । 13 नवंबर को मतदान के दौरान हुई इस घटना के बाद नरेश मीणा पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।
आपको बता दें कि देवली-उनियारा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा को बुधवार को सीआईडी सीबी ने जिला कारागार से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी समरावता में हुए बवाल और अटरू थाना क्षेत्र में राजकार्य में बाधा डालने के मामले में की गई। पूछताछ के बाद नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अटरू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया । जिसके बाद उन्हें शाम को दोबारा जेल में शिफ्ट कर दिया गया। फिलहाल सीआईडी सीबी मामले की जांच में जुटी हुई है, और आने वाले दिनों में इसमें और नाम सामने आने की संभावना है।
इस पूरे मामले की बात करें तो यह मामला 13 नवंबर को मतदान के दिन शुरू हुआ था, जब नरेश मीणा ने मतदान का बहिष्कार करने के बावजूद तीन व्यक्तियों के जबरन मतदान को लेकर नाराजगी जताई थी। इसी दौरान उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद हालात बिगड़ गए और रात को पुलिस और ग्रामीणों के बीच टकराव हो गया। इसके बाद नरेश मीणा को पुलिस ने पकड़ लिया था, जिसके बाद जेल में उनकी फर्श पर सोते हुए तस्वीरें भी वायरल भी हुईं थी, जिसने सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं बटोरी थी ।
बुधवार को निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन टोंक जिले के देवली-उनियारा क्षेत्र में हुआ, जहां बड़ी संख्या में समर्थक सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने नरेश मीणा के खिलाफ दर्ज मामलों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनकी जल्द से जल्द रिहाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान कुछ स्थानों पर यातायात बाधित हुआ और हालात को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया। लेकिन समर्थकों का दावा है कि वह निर्दोष हैं और उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। इससे क्षेत्र में तनाव का माहौल है