राजकुमार रोत और हनुमान बेनीवाल के कारण हारी कांग्रेस !, गोविंद सिंह डोटासरा न दिया बयान
Saturday, Nov 30, 2024-06:37 PM (IST)
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा। सात में से कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत पाई, जबकि बाकी सीटों पर उसे शिकस्त झेलनी पड़ी। इतना ही नहीं, कई स्थानों पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही और उसकी जमानत तक जब्त हो गई। इन परिणामों के बाद पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी में फर्स्ट लाइन के अनुभवी नेता तो हैं, लेकिन सेकंड लाइन में प्रभावशाली नेतृत्व की कमी है। डोटासरा ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे संतोषजनक नहीं रहे और अब नई नेतृत्व तैयार करने की आवश्यकता है।
भाजपा की जीत काम के बदौलत नहीं
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि उपचुनाव में सात में से पांच सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत राज्य सरकार के कामकाज का परिणाम नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पिछले 11 महीनों में ऐसा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया, जिसके आधार पर जनता से वोट मांगे जा सकें। डोटासरा ने यह भी कहा कि कांग्रेस के फर्स्ट लाइन के नेता सांसद बनकर केंद्र में चले गए, जिससे पार्टी को दूसरी लाइन के नेताओं को तैयार करना था। पार्टी ने वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं की सलाह लेकर उपचुनाव के लिए टिकट बांटे थे, लेकिन परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे।
चुनाव के लिए नरेश मीणा को भाजपा ने की फंडिंग
देवली उनियारा में कांग्रेस प्रत्याशी केसी मीणा तीसरे स्थान पर रहे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा उनसे काफी आगे निकल गए। इस संदर्भ में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि नरेश मीणा को भाजपा ने फंडिंग की थी। उन्होंने खुलासा किया कि नरेश मीणा चुनाव से पहले उनसे मिले थे और छबड़ा से तैयारी करने की बात कही थी। बाद में उन्होंने दौसा से चुनाव लड़ने का मन बनाया, लेकिन अचानक देवली उनियारा जाकर चुनाव लड़ा। डोटासरा ने आरोप लगाया कि नरेश मीणा ने उपचुनाव में करोड़ों रुपये खर्च किए, जो सवाल उठाता है कि उनके पास इतनी धनराशि कहां से आई। उन्होंने कहा कि इसके पीछे भाजपा का पूरा षड्यंत्र था, और इस साजिश में भाजपा सफल रही।
बेनीवाल और रोत नहीं किया हमारे साथ गठबंधन
छह महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी), कम्युनिस्ट पार्टी, और भारत आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। हालांकि, उपचुनाव में ऐसा कोई गठबंधन नहीं हुआ, जिसके चलते कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा। इस पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आरएलपी और कम्युनिस्ट पार्टी केंद्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन उपचुनाव में न तो आरएलपी और न ही भारत आदिवासी पार्टी के नेताओं ने गठबंधन की पहल की। उन्होंने माना कि पीसीसी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें क्षेत्रीय दलों के नेताओं से संपर्क करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। डोटासरा ने हनुमान बेनीवाल के उस बयान को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि डोटासरा ने गठबंधन नहीं होने दिया।