युद्ध क्षेत्र में सैनिकों को लगने वाली सिर की चोटों पर भी ''इकरान-24'' में मंथन

3/2/2024 8:01:23 PM

जयपुर, 2 मार्च 2024 । इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रीसेंट एडवांसेज इन न्यूरोट्रोमेटोलॉजी (इकरान-2024) के दूसरे दिन आज विश्वभर से आए न्यूरो सर्जन्स ने अपने-अपने देशों में आने वाले रोगियों की जांच और उनके बेहतर उपचार पर विचार विमर्श किया। जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में चल रही इस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग देशों के युवा न्यूरो सर्जन्स ने जांच और चिकित्सा के अपने तरीके बताए। इस एक्सपर्ट्स सैशन का मॉडरेशन डॉ.पंकज गुप्ता ने किया। सभी के शोध कार्य को सुनने के बाद मुंबई के डॉ.बी.के. मिश्रा और इजरायल के डॉ. वाई शोषान ने सभी से उन पर सवाल जवाब किए। उन्होंने जांच और इलाज की सर्वोत्तम विधि बताई। दूसरे दिन मलेशिया के डॉ. आजमी ने बच्चों में हेड इंज्यूरी पर बात की और बताया कि आश्चर्यजनक रूप से सीलिंग फैन इसका एक बड़ा कारण बनता जा रहा है।

पूना के डॉ. मनीष शर्मा ने युद्ध क्षेत्र में सुरक्षात्मक उपायों की जरूरत पर चर्चा की । साथ ही उन्होंने कहा कि, एक सैनिक को तैयार होने में लम्बा समय लगता है, ऐसे मे उसको बचाने के उपाय बहुत जरूरी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि निकट भविष्य में युद्ध के मैदान में सैनिकों को ऐसी चोटों से बचाने के लिए उपाय हो पाएंगे । यूक्रेन के डॉ. एंड्रील ने युद्ध के दौरान सिर और खोपड़ी में लगने वाली चोटों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिसाइल से लगने वाली चोटों की सर्जरी के दौरान भविष्य की जटिलताओं से बचने के लिए गोली के हर टुकड़े को निकालना ठीक रहता है। कॉन्फ्रेंस की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. वीडी सिन्हा ने बताया कि राजस्थान नुकीली चीजों के सिर में घुसने से लगने वाली सिर की चोटें आम हैं। डॉ.केट ड्रमंड ने थ्रोंबो बोलिज्म पर जानकारियां दी।

Afjal Khan

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