विद्यालय में बच्चों को दी जा रहीं कच्ची जली रोटियां, जिम्मेदार बने हुए मूकदर्शक, गुणवत्ताहींन पोषाहार खाने से बच्चे पड़ सकते है बीमार..! पोषाहार व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
Monday, Nov 25, 2024-09:12 PM (IST)
सिरोही, 25 नवंबर 2024। राजस्थान के सिरोही जिले में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम उच्च माध्यमिक विद्यालय पुराना भवन सिरोही में बच्चों को दिये जाने वाले पोषाहार का निरीक्षण किया तो बड़ी लापरवाही सामने आई है। बच्चों को कच्ची व जली हुई रोटियां परोसी जा रहीं जिसपर SDMC सदस्य जब्बर सिंह चौहान व भाजपा जिला प्रवक्ता रोहित खत्री ने कड़ा एतराज जताया है।
जिम्मेदारों के नाक के नीचे बच्चों को मिल रहा गुणवत्ताहीन पोषाहार
जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर से लेकर शिक्षा विभाग के तमाम बड़े अधिकारी रहते है और उनके कार्यालय भी विधमान है। उस जिला मुख्यालय पर यह बदहाल व्यवस्था व गंभीर लापरवाही कई सवालियां निशान खड़े करती है।
ऐसे में दुर्गम आदिवासी क्षेत्र ओर ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हालत होंगे इसका अनुमान सहज ही इस तस्वीर से लगाया जा सकता है। फिर भी जिम्मेदार सिर्फ मूकदर्शक होकर यह सब देख रहें है। ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारी गंभीर नजर आ रहें है, और न ही सिरोही जिला कलेक्टर गंभीर है। जिसकी वजह से स्कूली बच्चे पोषाहार में कच्ची व जली रोटी खाने को मजबूर है।
अचानक निरीक्षण में उजागर हुई बड़ी लापरवाही
भाजपा नेता रोहित खत्री और SDMC सदस्य जब्बर सिंह द्वारा अचानक निरीक्षण करने पर यह बड़ी लापरवाही सामने आई है। भाजपा नेता रोहित खत्री नें बताया कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं दिया जा रहा। जली व कच्ची रोटियां भोजन में दे रहे हैं। जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। पोषाहार बनाने वाले महिलाओं से पूछा कि बच्चों को ऐसी रोटियां खिलाओगे तो बच्चे बीमार हो सकते हैं। आप क्या अपने बच्चों को जली हुई और कच्ची रोटियां खिलाते हो। जिस पर पोषाहार बनाने वाली महिला ने कहा कि कभी गेहूं अच्छे आते हैं कभी गेहूं खराब आते हैं इसके कारण रोटियां सही नहीं बनती। पोषाहार बनाने वाली महिलाओं को निर्देश दिए कि आगे से रोटियां कच्ची व जली हुई नहीं हो इसका ध्यान रखें। साथ में आसपास साफ सफाई रखने को कहा। उसके बाद विद्यालय के प्रिंसिपल जगदीश सिंह आढ़ा से मिले और पोषाहार में दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता बारे में अवगत करवाया। जिस पर प्रिंसिपल ने फ़ोन कर पोषाहार इंचार्ज नरेश कुमार को कर तलब किया। और आगे से ऐसी रोटियां बच्चों को न मिले इसके लिए विशेष ध्यान रखनें कि हिदायत दी। और आगे से पोषाहार के बारे में कोई शिकायत नहीं आये उसको लेकर चेताया।
क्या कहते स्कूल के जिम्मेदार प्रधानाचार्य ?
कच्ची व जली हुई रोटी देने ओर गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं देने के मामले को लेकर स्कूल के जिम्मेदार प्रिसिंपल जगदीश सिंह आढ़ा अब दलील दे रहें है। पोषाहार बनाने वाली हेड कुक छुट्टी पर होने कि वजह से साथ ही चूले में मिस्टेक होने कि वजह से रोटी जली है, आज ही ऐसा हुआ है। आगे से अब ध्यान रखेंगे। पोषाहार प्रभारी को व्यवस्था सुधार के निर्देश दे दिये है।
जिम्मेदारों से जवाब मांगते सवाल ?
यह लापरवाही औचक निरीक्षण के दौरान उजागर हुई है। सवाल यह उठता है कि आखिर स्कूलों में गुणवत्ताहीन पोषाहार देनें वालों लापरवाह जिम्मेदारों पर कब सख्त कार्रवाई होंगी? यदि इस तरह के भोजन से बच्चे बीमार हुए तो उसका जिम्मेदार कौन? शिक्षा विभाग के जिम्मेदार इतने लापरवाह कैसे बच्चों को कच्ची व जली रोटी खानी पड रहीं है। ओर उन्हें निरीक्षण करके व्यवस्था सुधारने कि आवश्यकता तक महसूस नहीं होती, जो उनकी लचर कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या सिरोही जिला कलेक्टर इसपर क़ोई एक्शन लेकर लापरवाह जिम्मेदारों पर क़ोई कार्रवाई करेंगे इसपर सबकी निगाहें टिकी है।