127 साल बाद भारत लौटी भगवान बुद्ध की अस्थियां: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी ऐतिहासिक जानकारी
Saturday, Aug 02, 2025-05:00 PM (IST)

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर प्रवास के दौरान मीडिया से बात करते हुए बताया कि भगवान बुद्ध की अस्थियां, जो 127 वर्षों से भारत से बाहर थीं, अब वापस देश लौट आई हैं। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में यह संभव हो सका।
मंत्री शेखावत ने बताया कि भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के बाद उनकी अस्थियां आठ हिस्सों में बांटी गई थीं। इनमें एक हिस्सा उनके शाक्य वंश को प्राप्त हुआ था, जिसे कपिलवस्तु के पीपरवा क्षेत्र में एक पत्थर के बक्से में भूमि में रखा गया था। 1898 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान खुदाई में यह अस्थियां मिली थीं, जिन्हें अंग्रेजों ने श्याम के राजा और खोजकर्ता विलियम प्रेपे को सौंप दिया था।
उन्होंने बताया कि अप्रैल के अंत में जानकारी मिली कि इन अस्थियों को अमेरिका के एक नीलामी घर के माध्यम से बेचने की तैयारी की जा रही है। भारत सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप कर नीलामी रुकवाई और यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर को वापस लेना चाहती है। इसके बाद वह अस्थियां औपचारिक रूप से भारत को लौटा दी गईं।
मालेगांव केस पर प्रतिक्रिया:
मालेगांव केस को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस केस से स्पष्ट हो गया है कि किस तरह झूठे केस बनाकर देश में एक नकारात्मक माहौल तैयार करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब मुद्दे खत्म हो जाते हैं तो झूठे नैरेटिव बनाकर देश को भ्रमित करने का प्रयास किया जाता है।
उन्होंने कहा, “सत्य को छिपाया जा सकता है, मिटाया नहीं जा सकता। आज फिर सत्य की विजय हुई है।”
वैश्विक व्यापार और टैरिफ पर टिप्पणी:
अमेरिका और यूके के साथ व्यापारिक संबंधों पर पूछे गए सवालों में मंत्री ने कहा कि भारत को अपनी क्वालिटी में सुधार करते हुए उत्पादन लागत घटानी चाहिए। इससे भारत बड़ी टैरिफ वाली वैश्विक मार्केट में भी टिक पाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है, और इसे और मजबूत करने की दिशा में काम जारी है।
यूके के साथ संबंधों पर बोले:
यूके से जुड़ी संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि भारत के किसानों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को इससे बड़ा फायदा होगा। इससे एग्रो प्रोसेसिंग के क्षेत्र में नए अवसर और क्षितिज खुलेंगे।