उदयपुर में फतहसागर झील में नाव डगमगाई, घबराए पर्यटक, पर्यटकों और नाविकों की सूझबूझ से टला हादसा, सभी यात्री सुरक्षित
Tuesday, May 20, 2025-10:54 AM (IST)

उदयपुर, 20 मई 2025 (पंजाब केसरी): राजस्थान के उदयपुर शहर के प्रमुख पर्यटक स्थल फतहसागर झील में सोमवार दोपहर अचानक तेज अंधड़ के साथ हुई बारिश के दौरान पर्यटकों से भरी नाव अनियंत्रित हो गई। हालांकि, पर्यटकों और नाविकों की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर नमित मेहता, यूडीए आयुक्त राहुल जैन सहित सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। नाव में सवार सभी पर्यटकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है।
उदयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त राहुल जैन ने बताया कि फतहसागर पर स्थित यूडीए की जेटी से सोमवार दोपहर रोज की तरह एक नाव पर्यटकों को लेकर नेहरू गार्डन की ओर से जाने के लिए रवाना हुई। इसी बीच तेज हवा चलने लगी। इससे नाव अनियंत्रित हो गई। नाव में सवार पर्यटकों ने सूझबूझ दिखाते हुए संयम बनाए रखा। नाविकों ने येनकेन प्रकारेण नाव को नियंत्रित करने का प्रयास किया। तेज हवा और बारिश के बावजूद नाव पलटी नहीं, इससे बड़ा हादसा टल गया। इस बीच सूचना पाकर यूडीए, एनडीआरएफ की टीम आदि भी मौके पर पहुंचे। नाव में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर लिया गया है।
जिला कलेक्टर, यूडीए आयुक्त पहुंचे मौके पर
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया तथा वहां मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जैन ने बताया कि नाव हवा चलने से पहले ही जेटी से रवाना हो चुकी थी, जैसे ही तेज हवा शुरू हुई शेष नावों का संचालन रोक दिया गया था। अंधड़ से जेटी को थोड़ा नुकसान पहुंचा है, इसलिए फिलहाल नाव संचालन रोक दिया गया है।
महिलाओं ने अपनी चुन्नी को बनाया रस्सी
तेज हवा के कारण नाव के ऊपर का तिरपाल फटकर उड़ जाने से नाव डगमगा गई। उसमें सवार सैलानियों की सांसें फूल गईं। नाव में 12 बच्चे सहित महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। लेकिन, कुछ लोगों ने धैर्य रखा और नाव के नेहरू गार्डन के समीप पहुंच जाने से उसे संभालने का मौका मिल गया। यदि मध्य में होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। नाव में दो चालक थे और उन्होंने नाव को रोकने रस्सी का सहारा लिया। रस्सी छोटी पड़ी तो नाव में सवार महिलाओं ने अपनी चुन्नी उन्हें दी और नाव को वह नेहरू गार्डन की जेटी से बांधने में सफल रहे और सभी पर्यटक सुरक्षित बचे।