बहरोड़ में हार्डकोर अपराधियों पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, खुली जेल का आवंटन निरस्त
Friday, Aug 08, 2025-09:40 AM (IST)

बहरोड़, 8 अगस्त 2025 । पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार हार्डकोर अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों पर निगरानी के तहत कोतवाली थाना बहरोड़ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात अपराधी अशोक उर्फ ठाकरिया का खुली जेल आवंटन निरस्त करा दिया है।
थानाधिकारी विक्रांत शर्मा को गुप्त सूचना मिली थी कि अशोक उर्फ ठाकरिया (निवासी नैनसुख मोहल्ला, बहरोड़) जो हत्या और आर्म्स एक्ट के मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, खुली जेल जयपुर में रहते हुए बहरोड़ में आना-जाना करता है। आरोप है कि वह अपने दो हथियारबंद गनमैन के साथ इलाके के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और व्यापारियों में भय का माहौल बनाकर अवैध वसूली कर रहा था और आगामी नगर परिषद चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता था।
होटल में नोटों की गड्डियों के साथ पहुंचा
14 जुलाई को अशोक उर्फ ठाकरिया एक काले रंग की स्कॉर्पियो में दो गनमैन के साथ बहरोड़ के नारनौल रोड स्थित होटल मॉम्स किचन में पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर की सूचना के अनुसार, उसके आने से पहले ही उसके कुछ साथी हाथ में नोटों की गड्डियां लेकर होटल में दाखिल हुए थे।
इस पूरी जानकारी और सबूतों के आधार पर कोतवाली पुलिस ने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी, जिसके बाद 5 अगस्त को महानिदेशक कारागार, राजस्थान ने अशोक उर्फ ठाकरिया का खुला बंदी शिविर आवंटन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर उसे केंद्रीय कारागृह जयपुर भेजने के आदेश जारी किए।
गैंगवार का खतरा भी टला
थाना बहरोड़ के दो कुख्यात गैंग सरगना — अशोक उर्फ ठाकरिया और प्रश्नदीप उर्फ पर्रा — के बीच पुरानी रंजिश है। पूर्व में इनकी आपसी लड़ाई से कई बार कस्बे की कानून-व्यवस्था बिगड़ चुकी है।
प्रश्नदीप उर्फ पर्रा भी हत्या के मामले में अलवर खुली जेल में सजा काट रहा था, लेकिन वह 14 जुलाई को फरार हो गया था। 4 अगस्त को पुलिस ने उसे उसके साथियों आकाश उर्फ पर्रा और हेमंत उर्फ अनंतराव के साथ गिरफ्तार कर एक अवैध पिस्टल बरामद की थी। उसके खुली जेल आवंटन को भी निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
क्या है खुली जेल?
राजस्थान कैदी नियम, 1979 के तहत खुली जेल का उद्देश्य अच्छे आचरण वाले कैदियों को समाज में पुनर्वास का अवसर देना है। यहां कैदियों को काम के लिए बाहर जाने की अनुमति होती है और शाम तक लौटना होता है। इसमें सुरक्षा इंतजाम न्यूनतम होते हैं और परिवार से आसानी से मुलाकात हो सकती है। खुली जेल के लिए कैदी का गंभीर अपराधों में शामिल न होना, 21 से 50 वर्ष की उम्र, और सजा का एक-चौथाई हिस्सा अच्छे आचरण के साथ पूरा करना आवश्यक है।
कोटपूतली-बहरोड़ पुलिस ने आमजन से अपील की है कि अपराध और अपराधियों की गुप्त सूचना व्हाट्सऐप या कॉल के जरिए 95304 27856 नंबर पर दें।