हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: ओबीसी आरक्षित पद पर जनरल अभ्यर्थी की नियुक्ति रद्द, पात्र ओबीसी को देने के आदेश

Thursday, Apr 24, 2025-02:56 PM (IST)

जयपुर, 24 अप्रैल 2025 । राजस्थान हाई कोर्ट ने राजस्थान आवासन मंडल जयपुर में विधि सहायक (कनिष्ठ विधि अधिकारी) पद पर ओबीसी के लिए आरक्षित सीट पर जनरल वर्ग के अभ्यर्थी की नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए रद्द करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरक्षित श्रेणी की सीट पर केवल संबंधित श्रेणी के अभ्यर्थी को ही नियुक्त किया जा सकता है।

हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद शर्मा की एकल पीठ ने यह फैसला ओबीसी अभ्यर्थी जसलोक यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि यदि किसी श्रेणी में योग्य अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं है, तो उस पद को खाली रखा जा सकता है, लेकिन उसे अनारक्षित वर्ग से भरना नियमों के खिलाफ है।

क्या है मामला ?

वर्ष 2023 में राजस्थान आवासन मंडल ने विधि सहायक (कनिष्ठ विधि अधिकारी) के कुल 9 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया था। इसमें 5 पद जनरल, 1 जनरल महिला, 1 अनुसूचित जाति, 1 अनुसूचित जनजाति और 1 पद अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित था।

नियमों के अनुसार कुल 27 अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाना था, लेकिन विभाग द्वारा सिर्फ 26 अभ्यर्थियों को ही पात्र घोषित किया गया। वहीं ओबीसी श्रेणी के पात्र अभ्यर्थी जसलोक यादव, जिन्होंने 60% अंक प्राप्त कर परीक्षा पास की थी, को चयन से बाहर कर दिया गया और ओबीसी के पद पर जनरल वर्ग के अभ्यर्थी को नियुक्त कर दिया गया।

कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने इस नियुक्ति को गैरकानूनी करार देते हुए आवासन मंडल को आदेश दिया कि जसलोक यादव को ओबीसी श्रेणी के तहत सभी लाभों सहित विधि सहायक पद पर नियुक्त किया जाए । याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट कुणाल रावत, आराधना स्वामी और धृति शर्मा ने पैरवी की।
 


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Chandra Prakash

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