Hanuman Beniwal ने Jaipur में बताया Vasundhara ने Kirodi बाबा पर कौन सा मंत्र फेका ! Rajasthan Politics

Friday, May 23, 2025-02:39 PM (IST)

राजस्थान की राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के धरने में बुधवार शाम एक राजनीतिक गर्माहट देखने को मिली। इस मंच पर नागौर से सांसद और RLP के संस्थापक हनुमान बेनीवाल पहुंचे और अपने पुराने राजनीतिक साथी तथा वर्तमान भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर तीखा हमला बोला।

यह धरना राजस्थान की एसआई (उप निरीक्षक) भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं और आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाया जा रहा है। युवाओं की मांग है कि भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाए और आयोग को भंग कर पुनर्गठन किया जाए। इस मुद्दे को लेकर पिछले कुछ समय से राज्य में व्यापक छात्र आक्रोश देखा जा रहा है।

"आप अकेले थे, मैंने साथ दिया" – पुराने रिश्ते की याद दिलाई

सोशल मीडिया पर वायरल एक 1 मिनट 16 सेकंड की वीडियो क्लिप में बेनीवाल कहते हैं, “मैं किरोड़ी लाल मीणा से पूछना चाहता हूं कि मैंने आपके साथ बहुत समय खराब किया। जब आप पूरे राजस्थान में अकेले दौरे करते थे, तब आपके साथ खड़ा मैं ही था। मैं ही वह व्यक्ति था जो आपको 7-8 लाख की भीड़ वाली रैली में लेकर गया था। मैंने आपका समर्थन किया, आपको राजनीतिक रूप से मजबूत किया।”

"राजे ने कौन सा मंतर फेंका?" – वसुंधरा पर भी कटाक्ष

बेनीवाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “लेकिन फिर एक दिन अचानक न जाने क्या हुआ। वसुंधरा राजे ने आपके ऊपर ऐसा कौन सा मंतर-जंतर फेंका कि आप सीधे उनके पास चले गए और भाजपा में शामिल हो गए। आप उनके जाल में फंस गए और मुझे छोड़ दिया।”

"क्रेडिट की लड़ाई क्यों?" – सबूतों को लेकर सवाल

एसआई भर्ती घोटाले को उजागर करने को लेकर उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा पर तंज कसते हुए कहा, “अब आप कहते हैं कि सारे सबूत आपने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंप दिए हैं। लेकिन मैं पूछता हूं, सबूत तो SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने भी जुटाए थे, और जांच भी वही कर रही थी। जो कागज आपने मुख्यमंत्री को दिए, वे भी तो छात्रों ने ही आपको सौंपे थे। आपने सिर्फ उन्हें सरकार तक पहुंचाया। फिर भी हेडलाइन बनती है कि किरोड़ी लाल मीणा ने घोटाला उजागर किया।”

"यह किसी एक का नहीं, हम सभी का आंदोलन है" – साझा संघर्ष की बात

बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति का नहीं है। उन्होंने कहा, “आज हम यहां एसआई भर्ती रद्द करवाने और आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग कर रहे हैं। अगर कल को सरकार ये मांगे मान भी लेती है तो इसका श्रेय केवल मुझे नहीं, बल्कि उन सभी छात्रों, युवा संगठनों, और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जाना चाहिए जिन्होंने समय-समय पर इस मुद्दे को उठाया है, संघर्ष किया है।”

राजस्थान की सियासत में दरार और ध्रुवीकरण

यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस दोनों आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से जूझ रही हैं। किरोड़ी लाल मीणा, जो कभी स्वतंत्र रुख के लिए जाने जाते थे, अब भाजपा के एक सक्रिय चेहरा हैं। वहीं, हनुमान बेनीवाल ने आरएलपी के माध्यम से क्षेत्रीय राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है और भाजपा से कई बार दूरी बना चुके हैं।

हनुमान बेनीवाल का यह बयान केवल एक पुराने साथी पर तंज नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में चल रही अंदरूनी खींचतान और ‘क्रेडिट पॉलिटिक्स’ पर सीधा प्रहार है। यह धरना जहां युवाओं के भविष्य को लेकर चिंता का प्रतीक है, वहीं नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी इसमें स्पष्ट झलकती है।

 


Content Editor

Rahul yadav

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