नशे के लिए उपयोग वाली दवाइयों की खुली एवं अनियंत्रित बिक्री पर प्रतिबंध, जिला कलेक्टर ने जारी किए आदेश

Thursday, Sep 19, 2024-05:14 PM (IST)

नुमानगढ़, 19 सितंबर 2024 । जिले में नशे के लिए उपयोग में ली जाने वाली दवाइयों की खुली एवं अनियंत्रित बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। नशे की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कानाराम ने गुरुवार को आदेश जारी किया। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों के तहत युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह अहम निर्णय लिया गया है। आदेशानुसार जिले में कुछ दवाइयां, जो कि एनडीपीएस एक्ट के तहत नशे के रूप में परिभाषित नहीं हैं, उन्हें टेबलेट या इंजेक्शन के रूप में नशे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें प्रीगैबलिन, टैपेंटाडोल, जोपिक्लोन साल्ट आधारित जैसी दवाइयां शामिल हैं। इन्हें स्थानीय भाषा में सिग्नेचर, जॉडियर, हरा तोता, संतरी, हरे कैप्सूल और नीला फोर्ड भी कहा जाता है। अब थोक एवं खुदरा दवा विक्रेता अथवा अन्य अनाधिकृत व्यक्ति या फर्म प्रीगैबलिन की 75 मिग्रा. से अधिक मात्रा की दवाइयों का क्रय-विक्रय नहीं कर सकेंगे। इन दवाइयों को बिना क्रय-विक्रय बिल के बेचान नहीं किया जा सकेगा। थोक दवा विक्रेता इन दवाइयों के समस्त क्रय-विक्रय का दैनिक स्टॉक रजिस्टर बैच नम्बर सहित संधारण करेंगे। इसकी दिनांकवार सूचना प्रत्येक सप्ताह पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ई-मेल आईडी पर भेजनी होगी। खुदरा दवा विक्रेता इनका विक्रय चिकित्सक की मूल प्रिसक्रिप्शन/पर्ची पर अपनी मुहर व दिनांक अंकित करते हुए ही करेंगे।

जिला कलेक्टर के आदेशानुसार सहायक औषधि नियंत्रक थोक एवं खुदरा दवा विक्रेता के साल्ट आधारित दवाइयों के क्रय-विक्रय की मासिक रिपोर्ट की जांच करेंगे। सहायक औषधि नियंत्रक संबंधित उपखंड अधिकारी एवं पुलिस विभाग परस्पर समन्वय से टीमें बनाकर मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण करेंगे। वस्तुस्थिति से जिला कलेक्टर को अवगत कराएंगे। आदेश का उल्लंघन और अनियमितता मेडिकल स्टोर्स पर भारी पड़ सकती है। पुलिस प्रशासन अथवा उपखण्ड अधिकारी भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दंडित कराने की कार्रवाई करेंगे। यह आदेश 18 सितंबर 2024 से आगामी 2 माह की अवधि तक प्रभावी रहेगा।

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नशा कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
वहीं दूसरी ओर जिले में तेजी से बढ़ रहे नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग के संबंध में अग्रवाल समाज समिति की महिला इकाई की ओर से गुरुवार को जिला कलेक्टर कानाराम और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फैल रहा है। इसके साथ मेडिकेटेड नशे का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दो-तीन सालों से स्मैक, चिट्टा का नशा युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। नशे के बढ़ रहे इस नासूर को रोकने के प्रयासों के चलते कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। महिलाओं के साथ लूटपाट की वारदातें निरंतर बढ़ रही हैं और रुकने का नाम नहीं ले रहीं। इससे आमजन में भय का माहौल है। महिलाएं घर से बाहर खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। हनुमानगढ़ जिले के लगभग हर कस्बे और गांव में लूटपाट की घटनाएं सामने आ रही हैं। यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। पुलिस और प्रशासन को इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। युवा नशे से दूर रहने, इसके लिए पुलिस प्रशासन को वृहद स्तर पर नागरिकों के साथ मिलकर जनजागरण अभियान चलाना चाहिए। नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। नशा बेचते पकड़े जाने वाले आरोपियों की जमानत न हो, ऐसा कानून बने। लूटपाट करने वाले आरोपियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो ताकि अपराधियों में भय व्याप्त हो। इस मौके पर सुनीता अग्रवाल, मोनिका जिंदल, कमलेश गर्ग, मनीषा सिंगला, विनीता सिंगला सहित अन्य सदस्याएं मौजूद रही।


Content Editor

Chandra Prakash

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