अर्जुनराम मेघवाल का हमला : “ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष बैकफुट पर, राहुल गांधी बना रहे संवैधानिक संस्थाओं को डराने की परंपरा”

Saturday, Aug 02, 2025-02:48 PM (IST)

जोधपुर, 2 अगस्त 2025 । केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए विपक्ष और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। मेघवाल ने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" को लेकर केंद्र सरकार ने संसद में चर्चा के लिए तैयारियां पूरी रखीं और लोकसभा में दो दिन तथा राज्यसभा में दो दिन तक इस पर गंभीर बहस हुई। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्ष का रवैया बेहद नकारात्मक रहा।

“जब कहा गया कि गृह मंत्री जी का भाषण नहीं सुनेंगे, तो यह लोकतंत्र की गरिमा के खिलाफ है। प्रधानमंत्री पहले भी सदन में बोल चुके हैं, विपक्ष को यह स्वीकार करना चाहिए,” – अर्जुन राम मेघवाल

चुनाव आयोग और राहुल गांधी पर निशाना
मेघवाल ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि “राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर बैठे पदाधिकारियों को धमकाने की एक परंपरा बना रहे हैं, जिससे वे डर जाएं। यह बेहद अलोकतांत्रिक सोच है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह संविधान के तहत कार्य कर रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति अब इस संसार में नहीं है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं होना चाहिए। “क्या मृत व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में होना चाहिए? राहुल गांधी जैसे नेताओं को ये सामान्य बातें भी समझ में नहीं आ रहीं।”

मालेगांव धमाके और ‘हिंदू आतंकवाद’ पर फैसला
मंत्री ने मालेगांव धमाके पर हाल ही में आए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि “2007 से 2010 के बीच कांग्रेस सरकार ने एक झूठा नैरेटिव गढ़ा, जिसका नाम था ‘हिंदू आतंकवाद’। इस नैरेटिव को तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और पी. चिदंबरम ने प्रचारित किया। अब माननीय न्यायालय ने बता दिया है कि वह पूरा मामला तथ्यों पर आधारित नहीं था।”

उन्होंने कहा कि कोर्ट ने साफ कर दिया कि जिन लोगों पर आरोप लगे थे, वे झूठे थे और बिना आधार के थे। अब यह न्यायालय का फैसला है, जिससे कांग्रेस का झूठ उजागर हुआ है।

बिहार चुनावों पर जवाब
बिहार चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर मेघवाल ने कहा कि “चुनावों को लेकर एक कानूनी प्रक्रिया होती है। यह पहली बार नहीं है कि वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है। पहले भी बिहार और अन्य राज्यों में यह हो चुका है। सवाल सिर्फ इतना है – मृत लोगों का नाम वोटर लिस्ट में क्यों हो?”


Content Editor

Chandra Prakash

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