गोगुंदा के जंगलों में तेंदुओं का आतंक: BAP और BJP के बीच आरोप-प्रत्यारोप
Thursday, Oct 17, 2024-02:03 PM (IST)
उदयपुर, 17 अक्टूबर 2024 : जिले के गोगुंदा क्षेत्र में गत एक महीने से तेंदुए का आतंक फैला हुआ है। अब तक आठ लोगों का शिकार कर आदमखोर हो चुका तेंदुआ अभी भी पकड़ से बाहर है। जिसके लिए वन विभाग जूझ रहा है। वहीं अब इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रस्तारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
BAP के आरोप और सांसद मन्नालाल रावत की प्रतिक्रिया
भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के कार्यकर्ताओं ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि आदिवासी क्षेत्रों में तेंदुए को जानबूझकर छोड़ा गया है ताकि आदिवासी समाज को नुकसान पहुंचाया जा सके। BAP का कहना है कि यह साजिश आदिवासी समुदाय को खत्म करने की एक योजना का हिस्सा है। इस दावे पर उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे सोशल मीडिया के जरिए जवाब दिया।
सांसद रावत ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "गोगुंदा-सायरा के जंगलों में ये तेंदुए कहीं BAP ने तो नहीं छोड़े?" इस पोस्ट के जरिए उन्होंने BAP पर पलटवार करते हुए उनकी आरोपों को नकारते हुए सवाल उठाए कि यह कहीं उनकी खुद की साजिश तो नहीं है। रावत का कहना है कि बीएपी के कार्यकर्ता लगातार सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर बीजेपी पर आरोप लगाते हुए यह भ्रम फैला रहे हैं कि बीजेपी ने आदिवासी इलाकों में तेंदुए को छोड़ा है ताकि वहां के आदिवासियों को जंगल से भगाया जा सके। उन्होंने कहा कि उनका पोस्ट केवल एक सवाल था, बयान नहीं। यह सवाल उन्होंने इसलिए उठाया ताकि अगर किसी के पास कोई जानकारी हो, तो उसे सार्वजनिक किया जा सके।
सांसद राजकुमार रोत का पलटवार
बीएपी नेता और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने मन्नालाल रावत के इस बयान पर कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि उदयपुर सांसद का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और वे गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर रावत को बुखार भी हो जाए, तो वे इसके लिए भी BAP को जिम्मेदार ठहरा देंगे। रोत ने कहा कि गोगुंदा में आदमखोर तेंदुआ लगातार इंसानों और पशुओं को मार रहा है, और ऐसे गंभीर समय में बीजेपी के नेता अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए राजनीति कर रहे हैं।
रोत ने यह भी कहा कि गोगुंदा में तेंदुए से ग्रामीणों को बचाने के कार्य में लगे BAP के 16 कार्यकर्ताओं पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इन कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को सचेत करने के लिए एक छोटे रास्ते पर प्रदर्शन किया था, लेकिन बीजेपी ने उन्हें भी निशाना बनाया। रोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए बीएपी पर झूठे आरोप लगाए हैं।
वन विभाग की स्थिति
इस पूरी राजनीतिक हलचल के बीच, वन विभाग लगातार तेंदुए की तलाश में जुटा हुआ है। अब तक 23 दिनों का सर्च ऑपरेशन चल चुका है, लेकिन तेंदुआ पकड़ा नहीं जा सका है। वन विभाग ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, लेकिन उनमें भी तेंदुआ कैप्चर नहीं हो पाया है। डीएफओ मुकेश सैनी ने बताया कि विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और तेंदुए के पगमार्क देखकर उसकी स्थिति का अनुमान लगाने की कोशिश कर रही हैं।हाल ही में राठौड़ों का गुड़ा और केलवों का खेड़ा गांवों के बीच तेंदुए के पगमार्क मिले हैं, लेकिन अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। जहां पगमार्क मिले हैं, वहां गश्ती दल तैनात हैं और वन विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।