राजस्थान देगा पाकिस्तान और तुर्की को आर्थिक झटका, इन सामानों का किया आयात बंद

Monday, May 19, 2025-08:27 PM (IST)

भारतीय सेना द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" का असर देश के अंदर व्यापारियों पर भी साफ दिखने लगा है। युद्ध में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्की और उसके साथी देशों को आर्थिक झटका दिया है। जिसमें अजमेर जिले में व्यापारियों ने पाकिस्तान और उसके समर्थक देशों के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए तुर्की से आने वाली प्याज और कीवी के आयात को पूरी तरह बंद कर दिया है।

यह कदम उन देशों को आर्थिक झटका देने के लिए उठाया गया है जो सीधे या परोक्ष रूप से पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। अजमेर के फल-सब्जी व्यापारियों ने इस फैसले को देशभक्ति और व्यापारिक राष्ट्रहित से जुड़ा बताते हुए एकजुटता दिखाई है। 

“तुर्की से व्यापार मतलब पाकिस्तान को फायदा” 

स्थानीय व्यापारी जय किशन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अजमेर में तुर्की से रोजाना हजारों किलो प्याज और कीवी आते थे। लेकिन तुर्की के पाकिस्तान से घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए, अब यह व्यापार पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “तुर्की से व्यापार का मतलब है पाकिस्तान को लाभ पहुंचाना, और यह हम किसी भी कीमत पर नहीं करेंगे।” 

भविष्य में पाकिस्तान और समर्थक देशों से नहीं होगी खरीद 

व्यापारियों ने यह भी घोषणा की है कि भविष्य में पाकिस्तान और उसके समर्थक किसी भी देश से कोई खाद्य सामग्री, फल या सब्जियां नहीं खरीदी जाएंगी। इस फैसले को व्यापारिक नहीं बल्कि देशभक्ति से प्रेरित निर्णय बताया गया है। इस कदम से जहां उन देशों को आर्थिक नुकसान होगा, वहीं स्थानीय उत्पादकों और किसानों को भी फायदा मिलेगा। 

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पड़ेगा गंभीर असर 

व्यापारियों का मानना है कि यदि इस तरह के फैसले अन्य राज्यों में भी लिए जाते हैं, तो इसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर असर पड़ेगा। इससे न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि दुश्मन देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश भी जाएगा।

अजमेर के व्यापार संघ ने देशभर के अन्य व्यापारिक संगठनों से भी इस मुहिम में शामिल होने की अपील की है। उनका कहना है कि “अब समय आ गया है कि देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यापार भी राष्ट्र के साथ खड़ा हो।”

ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, अब इसका प्रभाव देश के बाजारों में भी देखा जा रहा है। अजमेर का यह बहिष्कार अभियान न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक राष्ट्रवादी चेतना का प्रतीक बनकर उभर रहा है।


Content Editor

Raunak Pareek

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