Ajmer Sharif Dargah - Nasruddin Chishti ने Court की इस बात पर ये क्या कह दिया..!
Thursday, Nov 28, 2024-02:16 PM (IST)
अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर घोषित करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। नोटिस जारी होने के बाद दरगाह प्रमुख और उत्तराधिकारी नसरुद्दीन चिश्ती ने बयान देते हुए इसे न्यायिक प्रक्रिया बताया और कहा कि वकीलों से परामर्श लेकर याचिका को खारिज कराने की पूरी कोशिश की जाएगी।
दरगाह प्रमुख का बयान: "यह समाज और देश हित में नहीं"
दरगाह प्रमुख नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, "ऐसी नई परिपाटी शुरू हो गई है, जिसमें कोई भी व्यक्ति दरगाह और मस्जिद को मंदिर बताने का दावा कर देता है। यह समाज और देश के लिए हितकर नहीं है। भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, और हमें इस प्रकार के विवादों से बचना चाहिए। अजमेर शरीफ की दरगाह का इतिहास 850 साल पुराना है। इसे सभी धर्मों का आस्था केंद्र माना जाता है।"
दरगाह का ऐतिहासिक महत्व
नसरुद्दीन ने दरगाह के ऐतिहासिक महत्व को समझाते हुए कहा, "ख्वाजा गरीब नवाज 1195 में अजमेर आए थे और 1236 में उनका इंतकाल हुआ। तब से यह दरगाह सभी धर्मों के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बनी हुई है। यहां न सिर्फ राजा-महाराजाओं का बल्कि ब्रिटिश शासनकाल का भी गहरा संबंध रहा है। जयपुर के महाराजा ने दरगाह को चांदी का गुंबद भेंट किया, और ब्रिटिश क्वीन विक्टोरिया का हॉल आज भी यहां मौजूद है।"
दरगाह प्रमुख की चिंता: "समाज में कटुता बढ़ रही है"
दरगाह प्रमुख ने इसे सस्ती लोकप्रियता का माध्यम बताते हुए कहा कि इस तरह के दावों से समाज में कटुता और असहिष्णुता बढ़ रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के संभल की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "संभल में तीन मासूम बच्चों की मौत एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। समाज में ऐसे विवादों को रोकने के लिए सरकार को सख्त कानून लाना चाहिए।"
सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग
नसरुद्दीन चिश्ती ने सरकार से अपील की कि ऐसी याचिकाओं को रोकने और धार्मिक स्थलों को विवादों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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