Rajasthan: गुर्जर-जाट के बाद अब राजस्थान में इस समाज ने भी सड़कों पर उतरने की तैयारी !

Monday, Jun 23, 2025-04:00 PM (IST)

कुशवाह समाज फिर मैदान में: 12 सूत्रीय मांगों को लेकर करौली और धौलपुर में पंचायतों का ऐलान, सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

भरतपुर/करौली/धौलपुर — राजस्थान में भरतपुर की महापंचायत के बाद जहां जाट और गुर्जर समाज ने अपनी आवाज बुलंद की थी, अब कुशवाह समाज भी सक्रिय हो गया है। समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर रुदावल कस्बे में बैठक की और आगामी रणनीति तय की। बैठक में निर्णय लिया गया कि 6 जुलाई को करौली के मंडरायल और 13 जुलाई को धौलपुर के बसई नवाब में महापंचायतें आयोजित की जाएंगी, जिनमें आगे के आंदोलन की दिशा तय होगी।


2022 में मिला था सरकार से आश्वासन, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक वासुदेव प्रसाद कुशवाह ने बताया कि समाज ने 2022 में अपनी 12 मांगों को लेकर नेशनल हाईवे जाम किया था। उस समय सरकार ने समाज को आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। लेकिन लंबे समय के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे नाराज़ होकर अब समाज ने फिर से आंदोलन की राह पकड़ने का निर्णय लिया है।


12 सूत्रीय मांगों में आरक्षण प्रमुख मुद्दा

समाज द्वारा एक मांग पत्र तैयार किया गया है, जिसमें आरक्षण, लवकुश बोर्ड में राजनीतिक नियुक्ति, और वित्तीय बोर्ड का दर्जा देने जैसी महत्वपूर्ण मांगें शामिल हैं। इसके साथ ही जातिगत जनगणना में “कुशवाह” नाम से पहचान दर्ज कराने की मांग को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। समाज ने इस पूरी प्रक्रिया के लिए एक समन्वय कमेटी भी बनाई है, जो सरकार से नियमित संवाद बनाए रखेगी।


करौली और धौलपुर में बड़ी पंचायतों की तैयारी

समाज ने यह भी स्पष्ट किया कि 6 जुलाई 2025 को करौली के मंडरायल और 13 जुलाई 2025 को धौलपुर के बसई नवाब में होने वाली पंचायतों में प्रदेशभर के कुशवाह प्रतिनिधि भाग लेंगे। इन पंचायतों में समाज की एकता को मजबूत करने के साथ-साथ, आंदोलन की रूपरेखा और संभावित कार्यक्रमों पर चर्चा होगी।


आंदोलन की चेतावनी: अबकी बार आर-पार की लड़ाई

वासुदेव प्रसाद कुशवाहा ने सख्त लहजे में कहा,

“अगर हमारी मांगों पर सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो हम एक निर्णायक आंदोलन की घोषणा करेंगे। यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि समाज की पहचान और हक के लिए संघर्ष होगा।”


राजनीतिक संदेश और सामाजिक संगठनों की एकजुटता

राजस्थान में विभिन्न सामाजिक वर्गों द्वारा उठाई जा रही मांगों के बीच कुशवाह समाज की सक्रियता एक और संकेत है कि आने वाले समय में जातिगत आरक्षण, पहचान और प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दे राजनीतिक विमर्श के केंद्र में होंगे। भरतपुर, करौली, धौलपुर और आसपास के क्षेत्र पहले से ही सामाजिक रूप से सक्रिय रहे हैं, और अब कुशवाह समाज के मैदान में उतरने से राजनीतिक समीकरणों पर भी असर पड़ सकता है


Content Editor

Rahul yadav

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