दौसा: रेलवे रेस्ट हाउस से 1.36 लाख की चोरी, 8 गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार |
Monday, Nov 25, 2024-03:09 PM (IST)
दौसा रेलवे स्टेशन पर चोरी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यह घटना न केवल दिनदहाड़े हुई, बल्कि रेलवे कॉलोनी, रेलवे स्टेशन और आरपीएफ चौकी के बीचों-बीच अंजाम दी गई। खास बात यह है कि चोरी एक बार नहीं, बल्कि कई बार हुई, और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
चोरी का खुलासा
16 नवंबर को वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (कार्य) बांदीकुई द्वितीय और वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (विद्युत) बांदीकुई ने आरपीएफ चौकी दौसा को रेस्ट हाउस में हुई चोरी की सूचना दी। इसके बाद आरपीएफ ने जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर ऑटो चालक की पहचान हुई, जिससे मामले की तह तक जाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
8 गिरफ्तार, 2 मास्टरमाइंड फरार
आरपीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चोरी में शामिल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें चोरी में लिप्त और चोरी का सामान खरीदने वाले दोनों शामिल हैं। पकड़े गए आरोपियों से कुल 1,12,484 रुपये का सामान बरामद किया गया। हालांकि, इस चोरी का मास्टरमाइंड और एक अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।
कैसे हुई चोरी?
दौसा रेलवे रेस्ट हाउस, जो 2018 में तैयार हुआ था, लंबे समय से बिना किसी उपयोग के खाली पड़ा है। इसका फायदा उठाते हुए चोरों ने कई महीनों तक टुकड़ों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया। सामान को ऑटो में लोड कर आराम से ले जाया गया, लेकिन किसी ने इसे रोकने या जांचने की कोशिश नहीं की।
लापरवाही का खेल
यह चोरी रेलवे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक को उजागर करती है। रेस्ट हाउस, जो लाखों-करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया था, आज तक किसी के उपयोग में नहीं आया। इसके रखरखाव के लिए कोई चौकीदार भी तैनात नहीं किया गया। यह भी आशंका जताई जा रही है कि चोरी में रेलवे का कोई कर्मी शामिल हो सकता है, जिसकी सहमति और मौजूदगी में यह वारदातें हुईं।
आगे की कार्रवाई
आरपीएफ ने गिरफ्तार किए गए 8 लोगों में से ई-रिक्शा चालक को जमानत पर रिहा कर दिया है, जबकि अन्य 7 न्यायिक अभिरक्षा में हैं। वहीं, मास्टरमाइंड और एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है।
रेलवे प्रशासन के लिए सवाल
रेस्ट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं थी?
कई महीनों तक चोरी होती रही, लेकिन अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी?
क्या रेलवे के अन्य कर्मी भी इस साजिश में शामिल हैं?
क्या है आगे का रास्ता?
यह मामला रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े करता है। अगर मामले की गहराई से जांच की जाए, तो यह संभव है कि इसमें और भी लोग लिप्त पाए जाएं। रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।