गैंगस्टर्स के खिलाफ एक्शन मोड में राजस्थान सरकार, नए कानून को मिली मंजूरी

3/3/2023 6:41:17 PM

जयपुर। राजस्थान में कानून व्यवस्था एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। गैंग बनाकर अपराध करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। गैंग बनाकर अपराधी फिरौती वसूली, अवैध माइनिंग और तस्करी सहित कई तरह के अवैध काम करते हैं। अब लगातार बढ़ते इन अपराधों और गैंगस्टर्स की भूमिका सामने आने के बाद सरकार की इमेज पर भी सीधा असर पड़ा है। ऐसे में अब प्रदेश में बढ़ते गैंगवार को देखते हुए गहलोत सरकार एक्शन के मूड में हैं। प्रदेश में लगातार हो रहे बड़े अपराधों और अपराधियों से निपटने के लिए राजस्थान कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कानून लाया जा रहा है। प्रदेश सरकार यह कानून महाराष्ट्र के मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की तर्ज पर ला रही हैं। 

राकोका के तहत ये किए गए है प्रावधान 

बता दें कि बुधवार को हुई सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की बैठक में राजस्थान कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम बिल-2023 को मंजूरी दे दी गई है। यह बिल इसी विधानसभा सत्र में लाया जाएगा और अगले सप्ताह इसे सदन में बहस के बाद पारित करवाया जाएगा। इस कानून के तहत केस की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट का इंतजाम भी किया गया है। जिसमें डीएसपी स्तर का अफसर ही राकोका में केस दर्ज करेगा। वहीं जिस अपराधी के खिलाफ पिछले 10 साल में एक से ज्यादा चार्जशीट पेश की गई हो और कोर्ट ने उस पर संज्ञान लिया हो ऐसे अपराधियों को इस कानून के दायरे में लिया जाएगा। साथ ही गिरोह बनाकर फिरौती वसूलने, पैसे के लिए धमकाने वालों को भी राकोका के दायरे में लिया जाएगा ।

अपराधियों को शरण देने वालों के खिलाफ भी होगी सख्त कार्रवाई  

आपको बता दें कि राकोका के तहत आपराधिक गैंग के किसी भी मेंबर को शरण देने वाले के खिलाफ भी कड़े प्रावधान किए गए हैं। अपराधियों को शरण देने वालों को कम से कम पांच साल की सजा और उम्र कैद का प्रावधान किया गया है। साथ ही पांच लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। 

Afjal Khan

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