मैं ''लाल-डायरी'' विधानसभा के पटल पर रखना चाहता था, सबने मुझे घेर कर गिरा दिया - राजेन्द्र गुढ़ा

Monday, Jul 24, 2023-07:47 PM (IST)

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को अभूतपूर्व हंगामे के बाद गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है । वहीं कांग्रेस ने भी पार्टी से उन्हें निष्कासित कर दिया है । राजस्थान विधानसभा में हुए घटनाक्रम के बाद, पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में राजेन्द्र गुढ़ा ने लाल डायरी को लेकर खुलकर अपनी बात रखी । पंजाब केसरी टीवी-डिजिटल एडिटर विशाल सूर्यकांत के साथ पूर्व मंत्री से साथ बातचीत के प्रमुख अंश...

पंजाब केसरी - दो-तीन दिन के घटनाक्रम बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री गहलोत के साथ आपके रिश्ते पूरी तरह बदल गए हैं, ऐसी क्या वजह रही ?

राजेन्द्र गुढ़ा - मैं क्या बताऊं, ये तो मुख्यमंत्री जी से पूछो । हम तो इसीलिए साथ आए थे ताकि राजस्थान में एक मजबूत सरकार हो, जनता की भलाई के फैसले हों, माताएं-बहनें सुरक्षित रहें, नौजवान आगे बढ़ें । इन्हीं बातों को ज़हन में रखकर हमनें सरकार को मज़बूत बनाए रखा था ।

 

पंजाब केसरी - आप लगातार 'लाल डायरी' का जिक्र कर रहे हैं । कह रहे हैं कि नवीं मंजिल से एक हजार सुरक्षाकर्मियों के बीच जान जोखिम में ड़ाल कर डायरी लाए, ये बात गले नहीं उतर रही, कैसे किया आपने ?

राजेन्द्र गुढ़ा - मैं जान हथेली पर लेकर गया था । रात में नहीं दिन में गया और डायरी लेकर आ गया । उस वक्त मेरे नेता ने कहा कि मुझे बचा लो, मैं राजपूत हूं, जान देने का जज़्बा रखता हूं । मैंने जोखिम भरा काम किया और जो किया वो आपको बता दिया ।

 

पंजाब केसरी - आपकी बात मान भी ली जाए लेकिन सवाल यह है कि सैंकड़ों सुरक्षाकर्मी,ईडी अधिकारियों ने ऐसा कैसे करने दिया, आपका ये बयान तो उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाता है ।

राजेन्द्र गुढ़ा - मैंनें जो कुछ किया वो बता दिया । ईडी वाले अधिकारी, सुरक्षाकर्मी उनकी जानें ..। अगर मैंने कुछ ग़लत किया है मुझ पर मुकदमा दर्ज करें ।

 

पंजाब केसरी- लेकिन आपकी कथित 'लाल डायरी' में ऐसा क्या है ?

राजेन्द्र गुढ़ा - मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पता है कि उस डायरी में क्या था । मैं आज उस डायरी के अंश टेबल करना चाह रहा था । लेकिन सारे नेता भेड़़िए की तरह मुझ पर टूट पड़े । ये उन्हीं ये पूछिए उन्होनें ऐसा क्यों किया, उनके कौनसे राज़ थे लाल डायरी में ...

 

पंजाब केसरी - आप लाल डायरी को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं । कभी कहते हैं कि डायरी मैंनें जला दी, अब कह रहे हैं कि डायरी विधानसभा में टेबल करना चाहता हूं. ये सब क्या है ?

राजेन्द्र गुढ़ा - देखो, डायरी कम से कम पन्द्रह किलो की थी । उसके कई हिस्से थे । तीन-चार-पांच पार्ट में बंटी थी वो डायरी । इसमें सारी जानकारियां थी । इसीलिए इन्हें बैचेनी है।

 

पंजाब केसरी - आप ज़िक्र कर रहे हैं लेकिन सबूत सामने नहीं रख रहे, क्यों न इसे आपका राजनीतिक स्टंट माना जाए ?

राजेन्द्र गुढ़ा - किस बात का राजनीतिक स्टंट, मैं तो कह रहा हूं कि विधानसभा के फ्लोर पर डायरी रखना चाहता हूं । यही कोशिश कर रहा था आज, इसमें कौनसी पॉलिटिकल बात है । उनसे पूछो क्यों मुझे नीचे गिरा दिया, क्यों डायरी छिनने की कोशिश की सारे मंत्रियों ने । मैं तो कह रहा हूं सारे मंत्रीमंडल का नार्को टेस्ट करवाओ, मेरा भी करवाओ ।

 

पंजाब केसरी - विधानसभा में एक व्यवस्था होती है, क्या आपने पालन किया ? विधानसभा लाइव टेलिकास्ट में देखा हमनें, अध्यक्ष लगातार कह रहे हैं आपसे मेरे चेंबर में आकर मिलें, आपने कहां माना ?

राजेन्द्र गुढ़ा - अध्यक्ष जी चेंबर में कहां थे, वो विधानसभा में थे । जहा विधानसभा अध्यक्ष जी थे वहीं पर मैं अपनी बात रख रहा था । वैसे मुझे बताइए मैनें क्या गलत किया था, जिसके लिए मुझे मंत्रीपद से बर्खास्त किया गया । विधानसभा में बोलना मेरा अधिकार है । मैं इतना ही तो कह रहा था कि मणिपुर के साथ राजस्थान की घटनाओं पर मेरी चिंता है । इसमें क्या ग़लत है ।  क्या हो जाता अगर मेरी बात सुन लेते तो...

 

पंजाब केसरी -  अब उस कथित 'लाल डायरी' का क्या करने वाले हैं अब आप, जिसे सबूत कह रहे हैं, कब सामने लाएंगे ?

राजेन्द्र गुढ़ा - राजशेखर का वंशज हूं. तीन पीढ़ियों ने रलावता के पास अपनी जान दी है । उनके ख़ून का आज भी निशान हैं । उसी ख़ून का मेरा डीएनए हैं । प्रदेश में महिलाओं के सम्मान के लिए आखिरी सांस तक लडूंगा ।

 

पंजाब केसरी - लेकिन यहां तो बात आपकी लाल डायरी की है, वो कब सामने आएगी ?

राजेन्द्र गुढ़ा - आ जाएगी सामने, पाप का घड़ा तो कभी फूटेगा ही, कहां जाएंगे ।

 

पंजाब केसरी - चर्चा है कि आप कांग्रेस से ही टिकट चाह रहे हैं उदयपुरवाटी से, बात नहीं बनी तो बग़ावत कर ली, क्या कहेंगे इस पर ?

राजेन्द्र गुढ़ा - मैं बिना कांग्रेस के तीन बार अपने क्षेत्र से विधायक बना हूं और कांग्रेस की सरकार बचाने में मददगार रहा हूं । मुझे तब लाया गया जब कांग्रेस की सरकार बचानी थी । मैं कांग्रेस की टिकट का मोहताज नहीं हूं ।

 

पंजाब केसरी - आप पायलट के साथ संघर्ष के मंच पर नज़र आए । पायलट जी का तो समझौता हो गया, लेकिन आप पीछे रह गए ।

राजेन्द्र गुढ़ा - मुझे किसी के सहारे की जरूरत नहीं । पायलट जी के साथ खड़ा था, आज अकेले ख़ड़ा हूं । मेरी जनता मेरे साथ है ।

 

पंजाब केसरी - आपको बहुजन समाज पार्टी  मना कर चुकी है कि बार-बार विश्वासघात किया, अब टिकट नहीं मिलेगी । ऐसे में किस पार्टी के साथ जाएंगे ?

राजेन्द्र गुढ़ा - बीएसपी के ग्यारह सौ वोट आए थे । मेरे क्षेत्र में मेरी जनता ही सब कुछ तय करती है । मैं चुनाव लड़ूं या नहीं, ये भी मेरी जनता ही तय करेगी ।

 

पंजाब केसरी- आप लगातार धारीवाल जी को निशाना बनाते रहे हैं, इतना व्यक्तिगत क्यों हो रहे हैं ?

राजेन्द्र गुढ़ा - धारीवाल जी ने विधानसभा में महिला अत्याचार की घटनाओं पर राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बता दिया, बताइए किस तरह उनका सम्मान करूं ?

 

पंजाब केसरी - पार्टी से निष्काषित और विधानसभा से निलंबन,अब आगे क्या करने वाले हैं ?

राजेन्द्र गुढ़ा-  देखता हूं, राजस्थान विधानसभा में हमारे ईमानदार अध्यक्ष जी हैं । अच्छा सदन चलाते हैं । मुझे सदन से बाहर किया है । सारे फैसले देख रहा हूं, समझ रहा हूं । जनता के बीच जाऊंगा, अपनी बात रखूंगा ।


Content Editor

Afjal Khan

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