27 नवंबर से 15 दिसंबर तक विवाह के 10 मुहूर्त जानिए

11/27/2023 10:13:38 AM

जयपुर ।  इस साल 26 नवंबर से 15 दिसंबर तक केवल 10 मुहूर्त है। इस अबूझ मुहूर्त में भी बड़ी संख्या में लग्न होते है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह के आयोजन ज्यादा होते है। ऐसे में देवउठनी एकादशी से शादियां प्रारंभ हो जाएगी। नवंबर-दिसंबर में 10 दिन के शादियों के मुहूर्त में कई जोड़े शादी के बंधन में बंधेंगे। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि 16 दिसंबर से धनु मास शुरू होगा। इस कारण अगले साल 15 जनवरी 2024 के बाद शादियां शुरू होंगी। जो कि 20 अप्रैल तक चलेंगी। 26 से 30 नवंबर 2023 तक यानी 4 दिन में विवाह के 3 शुभ मुहूर्त है। नवंबर में 3 और साल के अंतिम महीने दिसंबर में 7 सावे रहेंगे। 29 जून 2023 को श्रीहरि विष्णु योग निद्रा में चले गए थे तथा इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो गए। इस बार सावन अधिक मास के कारण चातुर्मास चार की जगह पांच माह का रहा। चातुर्मास के साथ ही शहनाइयों की धूम थम गई थी।16 दिसंबर 2023 से 14 जनवरी 2024 तक धनु के सूर्य खरमास में विवाह बंद रहेंगे।

 

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सनातन धर्म में विवाह को पवित्र कर्म कांड माना गया है। ज्योतिष पंचांग देखकर और कुंडली मिलान कर विवाह मुहूर्त निकालते हैं। शास्त्रों में निहित है कि शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वर और वधु को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। अतः विवाह तय करते समय तिथि का विशेष ध्यान रख जाता है। वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है। इस दौरान शादी-विवाह समेत अन्य शुभ कार्य करने की मनाही होती है। वहीं, कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी तिथि से विवाह का लग्न शुरू होता है।

 

नवंबर-दिसंबर 2023 में 10 दिन शादी

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पंचांग के अनुसार नवंबर में 3और दिसंबर में 7 विवाह मुहूर्त हैं।

नवंबर: 27, 28, 29

दिसंबर- 5, 6, 7 8, 9, 11, 15

योग

नवंबर माह

सर्वार्थ सिद्धि योग:- 26, 29, 30 नवंबर

रवि योग, 26 नवंबर

दिसंबर माह

सर्वार्थ सिद्धि योग-1, 6, 9, 11, 19, 21, 25 दिसंबर

अमृतसिद्धि योग-25 दिसंबर

रवि योग-2, 3, 4, 15, 16, 17, 20, 24 दिसंबर

 

मई-जून 2024 में शुक्र ग्रह रहेगा अस्त

ज्योतिषाचार्य  ने बताया कि अगले साल 29 अप्रैल 2024 को शुक्र, सूर्य के नजदीक आ जाएगा। जिससे ये ग्रह 61 दिन तक अस्त रहेगा। ज्योतिष का कहना है कि शुक्र के अस्त हो जाने से शादियों के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। 28 जून को शुक्र ग्रह के उदय होने के बाद शादियां शुरू होंगी और 15 जुलाई को देवशयन होने तक मुहूर्त रहेंगे।

 

अक्षय तृतीया और वसंत पंचमी 2024 पर नहीं हो पाएंगी शादियां

ज्योतिषाचार्य  ने बताया कि 14 फरवरी 2024 को वसंत पंचमी है। कई जगहों पर इस दिन को शादी के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है, लेकिन इस बार वसंत पंचमी पर अश्विनी नक्षत्र रहेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक इस नक्षत्र में शादी नहीं की जाती है। इस कारण वसंत पंचमी पर विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया रहेगी। ये दिन भी शादियों के लिए बड़ा अबूझ मुहूर्त होता है। इस बार अक्षय तृतीया पर शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण शादी का मुहूर्त नहीं होगा।

 

विवाह मुहूर्त में लग्न का महत्व

शादी-ब्याह के संबंध में लग्न का अर्थ होता है फेरे का समय। लग्न का निर्धारण शादी की तारीख तय होने के बाद ही होता है। यदि विवाह लग्न के निर्धारण में गलती होती है तो विवाह के लिए यह एक गंभीर दोष माना जाता है। विवाह संस्कार में तिथि को शरीर, चंद्रमा को मन, योग व नक्षत्रों को शरीर का अंग और लग्न को आत्मा माना गया है यानी लग्न के बिना विवाह अधूरा होता है।

 

 

क्यों मिलाई जाती है कुंडली

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि रीति-रिवाज और पंचांग के अनुसार विवाह में वर और वधू के बीच दोनों की कुंडलियों को मिलाया जाता है। इस व्यवस्था को कुंडली मिलान या गुण मिलान के नाम से जानते हैं। इसमें वर और कन्या की कुंडलियों को देखकर उनके 36 गुणों को मिलाया जाता है। जब दोनों के न्यूनतम 18 से 32 गुण मिल जाते हैं तो ही उनकी शादी के सफल होने की संभावना बनती है।बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके गुण मिलान में 24 से 32 गुण तक मिलते हैं लेकिन वैवाहिक जीवन बहुत ही दुश्वारियों भरा होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि पुरुष-स्त्री दोनों के जीवन का अलग-अलग विश्लेषण करने से पता चलता है।

 

शादी के लिए 10 रेखा सावा सबसे मंगलकारी

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शादी-विवाह काे आज भी परिवाराें में शुभ मुहूर्त में मंगलकारी मानते हैं। सबसे बेहतर 10 रेखा सावा रहता है। विवाह मुहूर्त में मार्च में सबसे कम दो दिन शहनाई बजेंगी। साथ ही बसंत पंचमी, रामनवमी, भड़ल्या नवमी, अक्षय तृतीया सहित कई अबूझ सावे होंगे। मार्च 2023 में होलाष्टक और अप्रैल में खरमास लगने पर मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 29 जून से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। अधिकमास होने से पांच महीने चातुर्मास रहेगा। इससे देवशयनी एकादशी 29 जून से 23 नवंबर देवउठनी एकादशी तक सावे नहीं हो सकेंगे। देवउठनी एकादशी का अबूझ सावा रहेगा। इसके बाद लग्न मुहूर्त शुरू होंगे। ज्याेतिष के मुहूर्त चिंतामणी ग्रंथ में रेखीय सावो का जिक्र है। इसमें यह माना जाता है कि 10 रेखा सावा में यानी जिसमें एक भी दोष नहीं होते हैं। वो 10 रेखा सावा होता है।

 

ग्रह-नक्षतों की मौजूदगी के अनुसार होता है रेखा का निर्धारण

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रह-नक्षत्र वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं। ग्रह-नक्षत्रों की मौजूदगी के अनुसार रेखा का निर्धारण होता है। सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त दस रेखाओं का माना जाता है। नौ रेखाओं का सावा भी उत्तम माना है। सात से आठ रेखाओं का मुहूर्त मध्यम मानते हैं। इनमें लता, पात, युति, वेध, जामित्र, पंच बाण, तारा, उपग्रह दोष, कांति साम्य एवं दग्धा तिथि, इन 10 तरह के दोषों का विचार के बाद ही विवाह का शुभ मुहूर्त रेखीय के आधार पर निकाला जाता है। जितनी ज्यादा रेखाएं होंगी, मुहूर्त उतना ही शुद्ध होता है। अगर किसी जातक के गुण मिलान भी नहीं हो तो 10 रेखा में शुद्ध लगन देकर विवाह   को  प्राथमिकता प्रदान करते हैं।

Afjal Khan

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