4,000 किलो दूरी तय करके जैसलमेर पहुंचे विदेशी साइबेरियन पक्षी
Sunday, Sep 17, 2023-03:48 PM (IST)

रेगिस्तानी इलाकों में इस बार हुई अच्छी मानूसन बारिश के बाद जगह-जगह तालाब और नदियां भर गई है. ऐसे में जैसलमेर में विदेशी पक्षियों की कलरव गूंजनी शुरु हो गई है. खासकर इस बार साइबेरियन बर्ड्स डेमोसाईल क्रेन जिसे हिन्दी में कुरंजा कहा जाता है. जैसलमेर के विभिन्न हिस्सों में साइबेरियन बर्ड्स ने डेरा डाल लिया है. जैसलमेर के लाठी, धोलिया, खेतोलाई, नोख आदि क्षेत्रो में बड़ी संख्या में कुरंजा बर्ड्स के झुंड देखे जा सकते हैं जिससे वन्य जीव प्रेमियों व पक्षी प्रेमियों में खुशियो की लहर है. पक्षी प्रेमी राधेश्याम पैमानी ने बताया कि अमूमन अक्टूबर महीने से आने वाले पक्षियों ने सितंबर के पहले हफ्ते में ही जैसलमेर में अपना बसेरा डाल दिया है. इस बार अच्छी बारिश के बाद मौसम अनुकूल होने से हिमालय की ऊंचाइयों को पार कर कुरजां पक्षी ने भारत में प्रवेश किया है. हजारों किमी की उड़ान भरकर 300 से 500 के करीब कुरजां पहुंच गई हैं. अपने पूरे परिवार के साथ लाठी इलाके में बसेरा बना लिया है. अब अगले साल मार्च महीने तक यहां पर बसेरा रहेगा. ये सिलसिला कई सदियों से चला आ रहा है. मध्य एशिया और पहाड़ी इलाकों में तेज सर्दी की वजह से ये गरम इलाकों की तरफ रुख करते हैं. राजस्थान इनका सबसे पसंदीदा इलाका है. जैसलमेर में हर साल हजारों की संख्या में कुरजां पक्षी प्रवास करने आते हैं. फिलहाल 300 से 500 के करीब पक्षियों का झुंड जैसलमेर पहुंचा है. धीरे-धीरे ये संख्या बढ़ती जाएगी और चारों तरफ कुरजां ही नजर आएंगे.