दिया कुमारी ने प्रयागराज में किए अक्षय वट के दर्शन

Sunday, Feb 09, 2025-02:07 PM (IST)

डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने प्रयागराज में किए अक्षय वट के दर्शन, संतों से लिया आशीर्वाद

राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने रविवार को प्रयागराज की पावन धरती पर पहुंचकर त्रिवेणी संगम तट स्थित अक्षय वट के दर्शन किए और वहां विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने बड़े हनुमान मंदिर और प्राचीन नागवासुकी मंदिर में भी दर्शन कर मंगलकामना स्वरूप आस्था का दीप प्रज्ज्वलित किया। दिया कुमारी ने पूजा के दौरान समस्त विश्व के कल्याण और मानवता की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

इसके बाद, उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य अवधेशानंद गिरि और जगतगुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य से भेंट कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने साधु-संतों से धर्म, समाज और आध्यात्म से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने इस आध्यात्मिक यात्रा को अपना सौभाग्य बताया और कहा कि संतों का सानिध्य मिलना पुण्य कर्मों का प्रतिफल होता है।

उन्होंने कहा, "पूज्य साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर मैं स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूं। संतों के सानिध्य में आकर आत्मिक शांति और ईश्वर की अनंत कृपा का अनुभव होता है। सनातन परंपरा का यह मार्गदर्शन हमें सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।"

अक्षय वट: सनातन धर्म का प्रतीक

डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने अक्षय वट के आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक वृक्ष नहीं, बल्कि सनातन धर्म की अमर चेतना का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "अक्षय वट हजारों वर्षों से ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के प्रवाह का प्रतीक बना हुआ है। यह केवल एक पेड़ नहीं, बल्कि हिंदू संस्कृति और आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।"

उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म की यह पवित्र धरोहर विश्वभर में अपनी पहचान को मजबूत कर रही है और लोगों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित कर रही है। प्रयागराज में स्थित यह पवित्र वटवृक्ष हिंदू धर्म की अक्षुण्ण परंपराओं और मूल्यों को सहेजने का प्रतीक है, जो अनंत काल तक अपनी उपस्थिति बनाए रखेगा।

महाकुंभ और स्वच्छता कर्मियों का योगदान

महाकुंभ मेले की भव्यता और उसके आयोजन में लगे स्वच्छताकर्मियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने कहा कि महाकुंभ की वास्तविक पवित्रता को बनाए रखने वाले असली नायक स्वच्छताकर्मी हैं।

उन्होंने कहा, "यह महापर्व तभी पूर्ण होता है जब इसके आयोजन से जुड़ा हर व्यक्ति तन, मन और कर्म से इसमें सहयोग देता है। स्वच्छताकर्मी इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण से ही यह भव्य आयोजन सफल होता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक आयोजनों को सही अर्थ में पवित्र बनाए रखने के लिए स्वच्छता अत्यंत आवश्यक है। यदि धार्मिक स्थल और श्रद्धालुओं के रहने के स्थान स्वच्छ नहीं होंगे तो आध्यात्मिकता का असली संदेश अधूरा रह जाएगा। इसलिए, उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे महाकुंभ और अन्य धार्मिक स्थलों पर सफाई बनाए रखने में योगदान दें।

सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना

डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने कहा कि भारत का आध्यात्मिक आधार ही इसे एक विशिष्ट राष्ट्र बनाता है। उन्होंने कहा कि हमारा सनातन धर्म वसुधैव कुटुंबकम् (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) की भावना को साकार करता है।

उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ का आयोजन विश्वभर के करोड़ों श्रद्धालुओं को एक साथ जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम है।

संतों से संवाद और धर्म-अध्यात्म पर चर्चा

अध्यात्मिक यात्रा के दौरान दिया कुमारी ने संतों और विद्वानों से धर्म, योग और ध्यान के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज के समय में, जब भौतिकता हावी हो रही है, आध्यात्मिकता ही संतुलन बनाए रखने का मार्ग है।

उन्होंने कहा, "हमारे प्राचीन ऋषियों ने जिस ध्यान और योग प्रणाली का विकास किया, वह केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक उन्नति के लिए भी अनिवार्य है। योग और ध्यान जीवन की समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकते हैं।"

उन्होंने युवाओं से भी आह्वान किया कि वे सनातन संस्कृति और इसकी शिक्षाओं को अपनाएं। उन्होंने कहा कि संस्कृति और धर्म का ज्ञान केवल परंपरा निभाने के लिए नहीं, बल्कि जीवन को सशक्त और संतुलित बनाने के लिए आवश्यक है।


सनातन धर्म और आधुनिक समाज में इसकी प्रासंगिकता

डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने इस अवसर पर सनातन धर्म की आधुनिक समाज में प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपराएं और संस्कृति सदियों से मानव कल्याण का मार्गदर्शन करती आई हैं।

उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारतीय संस्कृति, योग और अध्यात्म को अपना रही है। यह इस बात का प्रमाण है कि हमारी प्राचीन परंपराएं समय के साथ और अधिक प्रासंगिक हो रही हैं।

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे अपनी संस्कृति और धर्म के मूल्यों को अपनाकर समाज में प्रेम, भाईचारे और समरसता का संदेश फैलाएं।

 सनातन परंपराओं के प्रचार का संकल्प

अंत में, डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने कहा कि उनका उद्देश्य सनातन धर्म और इसकी महान परंपराओं का प्रचार-प्रसार करना है। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत दुनिया में अद्वितीय है, और हमें इसे संजोकर आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने इस आध्यात्मिक यात्रा को एक अनुभूति और आत्मशुद्धि का अनुभव बताया और कहा कि वह इस ऊर्जा को राजस्थान और पूरे भारत के जनमानस तक पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

उनकी इस आध्यात्मिक यात्रा को लेकर प्रयागराज के स्थानीय श्रद्धालुओं और संत समाज ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे सनातन परंपरा को बढ़ावा देने और आध्यात्मिक मूल्यों को संरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

इस यात्रा के दौरान, डिप्टी सीएम दिया कुमारी का प्रयागराज में भव्य स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने भी उनके विचारों का समर्थन किया। उनके इस आध्यात्मिक अनुभव ने लोगों को धर्म, संस्कृति और समाज की भलाई के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी।


Content Editor

Liza Chandel

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