डांगरी कांड: बीजेपी दिखी एकजुट, कांग्रेस में दिखा सन्नाटा
Friday, Sep 05, 2025-12:08 PM (IST)

जैसलमेर- 2 सितम्बर की रात जैसलमेर के डांगरी गांव में एक समुदाय विशेष द्वारा खेतसिंह की पीट पीटकर हत्या करने के बाद उपजा विवाद तो अब समझौते के बाद थम गया है लेकिन ये विवाद अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है। इन सवालों के जवाब फिलहाल तो नहीं पर आगामी चुनावों में जैसलमेर की जनता जरूर दे सकती है। खेतसिंह की हत्या के बाद पुलिस ने तीनों मुख्य आरोपियों को तुरंत ही गिरफ्तार कर दिया था लेकिन खेतसिंह के परिवार को मुआवजा दिलाने,यूपी सरकार की तर्ज पर आरोपियों के घर व दुकानों पर बुलडोजर चलाने यहां तक कि मस्जिद ढहाने सहित कई मांगो को लेकर कल डांगरी गांव के पास विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरने में हजारों लोगों की भीड़ के साथ बीजेपी के तमाम नेता नजर आए लेकिन कांग्रेस की बात करें तो पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल को छोड़कर कोई कांग्रेसी नेता वहां नजर नहीं आया। अब सवाल ये है कि क्या कांग्रेस ने इस धरने से किनारा इसलिए किया कि घटना में आरोपी एक समुदाय विशेष के थे? पिछले दिनों हिन्दू-मुस्लिम की एकता के पैगाम के लिए बायतु विधायक हरीश चौधरी के नेतृत्व में थार की अपणायत यात्रा निकालने वाली कांग्रेस जिले के इतने बड़े प्रदर्शन अंजना मेघवाल को छोड़कर नदारद क्यों रही। यहाँ तक कि सांसद उम्मेदाराम ने ट्वीट करके इस प्रदर्शन को भड़काऊ भाषण वाला प्रदर्शन करार देते हुए आपसी सौहार्द बिगाड़ने के आरोप भी लगा दिए। अब जब सांसद इस धरने के खिलाफ ट्वीट कर रहे है,कांग्रेस इससे किनारा कर रही है तो पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल की मौजूदगी कांग्रेस के कई धड़ो में बंटे होने की बात पर मुहर लगा रही है? धरने पर बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी,पोकरण विधायक प्रतापपुरी, जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी,जिला प्रमुख प्रतापसिंह, पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी,जिलाध्यक्ष दलपत हिंगड़ा व दिग्गज नेता स्वरूप सिंह खारा सहित सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे लेकिन कांग्रेस की तरफ से सिर्फ पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल। अब इस घटना से ये तो जगजाहिर हो गया कि सर्वधर्म की बात कहने वाली कांग्रेस समुदाय विशेष का नाम आते ही चुप्पी साध लेती है लेकिन इस कांग्रेस में अंजना मेघवाल जैसी कोई तो नेत्री है जिसने वहां जाने की हिम्मत जुटाई।