केंद्रीय विधानमंडलों में भी लड़ा गया था स्वतंत्रता संग्राम : शेखावत

Monday, Aug 25, 2025-11:23 AM (IST)

केंद्रीय विधानमंडलों में भी लड़ा गया था स्वतंत्रता संग्राम : शेखावत
नई दिल्ली, 25 अगस्त। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम सिर्फ सड़कों और जनांदोलनों तक सीमित नहीं था, बल्कि देश के केंद्रीय विधानमंडलों के भीतर भी इसे पूरे जोश और संकल्प के साथ लड़ा गया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता पूर्व भारत के राष्ट्रवादी नेताओं ने न केवल ब्रिटिश शासन का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की नींव भी मजबूत की।

दिल्ली विधानसभा भवन में आयोजित वीर विट्ठल भाई पटेल ‘प्रथम निर्वाचित भारतीय स्पीकर’ शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस में शेखावत ने कहा कि वर्ष 1925 में वीर विट्ठल भाई का अध्यक्ष बनना न केवल सत्ता में भारतीय भागीदारी की शुरुआत थी, बल्कि यह हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के संस्थागत स्वरूप का प्रारंभिक बिंदु भी था। 

उन्होंने कहा कि वीर विट्ठल भाई जैसे महान व्यक्तित्व हमें प्रेरणा प्रदान करते हैं। यह हमारी डेमोक्रेसी की ही ताकत है, जिससे आज दुनिया भारत को नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उसकी समग्रता में देख रही है। हमारी महान संस्कृति-विरासत और गर्वित इतिहास से परिचित हो रही है और हमारी आर्थिकता का लोहा भी मान रही है। निश्चित ही, लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलकर ही हम विकसित बनेंगे। 

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि आज जब देश अमृतकाल की ओर बढ़ रहा है तो लोकतंत्र की सही समझ और उसकी रक्षा करना बेहद जरूरी है। लोकतंत्र केवल चुनाव जीतने तक सीमित नहीं, बल्कि यह संवाद, असहमति के सम्मान और राष्ट्र के प्रति निष्ठा का माध्यम है। शेखावत ने विपक्ष से भी रचनात्मक भूमिका निभाने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन की गरिमा और परंपराएं लोकतंत्र की आत्मा हैं, जिन्हें सभी दलों को मिलकर बनाए रखना होगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरणा लें और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। शेखावत ने वीर विट्ठल भाई जी पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।


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Kailash Singh

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