फिर गरजे रविंद्र सिंह भाटी, बिजली और हाईटेंशन लाइन समेत उठाए ये मुद्दे

Friday, Nov 21, 2025-03:55 PM (IST)

जयपुर। ओरण बचाओ आंदोलन के बाद अब बाड़मेर की शिव विधानसभा से विधायक रविंद्र भाटी एकबार फिर से एक्शन में आ चुके हैं। उन्होंने हाल ही में राजस्थान विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति की बैठक में प्रदेश और शिव विधानसभा क्षेत्र की बिजली व्यवस्था से जुड़े कई गंभीर एवं लंबे समय से लंबित मुद्दों पर अपनी बात रखी। जिसको लेकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है।

 

इस बैठक में रविंद्र भार्टी ने कहा कि प्रदेश में विंड, सोलर व विभिन्न माध्यमों से उत्पादित बिजली पर्याप्त उपलब्ध है, तब भी समय पर नियमित और निर्बाध आपूर्ति नहीं होना उपभोक्ताओं और किसानों के हितों के विरुद्ध है। शिव विधानसभा क्षेत्र में भी बार-बार बाधित आपूर्ति एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिस पर तत्काल सुधार होना चाहिए।

 

इसके अलावा भाटी ने बैठक में किसानों से जुड़े हाईटेंशन लाइन मुआवजे के मुद्दे को विशेष रूप से रखा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार द्वारा संशोधित 400% मुआवजा उनकी वास्तविक क्षति के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसे बढ़ाकर 1000% किए जाने की आवश्यकता है। साथ ही विधानसभा क्षेत्र में 33/11 केवी, 132 केवी, 220 केवी जीएसएस की लंबित स्वीकृतियों, शिव में अधिशासी अभियंता कार्यालय की स्थापना और गंगापुरा तथा मणिहारी फांटा क्षेत्र में 33/11 केवी व अगासडी तथा भियाड़ में 132 केवी जीएसएस की बजट घोषणाओं में हो रही देरी पर भी आपत्ति जताई। जिस पर विभाग ने जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करने का आश्वासन दिया।

 

भाटी ने मुद्दा उठाया कि बाड़मेर जिले के डीएनपी क्षेत्र की कई गांव और ढाणियों में आज भी बिजली उपलब्ध नहीं है, जो इस डिजिटल युग में किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में विभाग से आग्रह किया कि इन क्षेत्रों को जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति से जोड़ा जाए। जिस पर विभाग ने आरडीएसएस योजना की प्रगति को तीव्रता से बढ़ाकर जल्द से जल्द विद्युत कनेक्शन मुहैया करने का आश्वासन दिया। इसी प्रकार सांकली फांटा के 33/11 केवी जीएसएस, न्यू गंगाबेरा व न्यू कुंडल के फीडरों तथा तिबनियार और झणकली गांवों में बढ़े बिजली भार के कारण बार-बार बाधित हो रही सप्लाई की समस्या को भी बैठक में प्रमुखता से रखा। हरसाणी जीएसएस से सोलंकिया तक नई लाइन बिछाने की आवश्यकता को भी तत्काल ध्यान में लेने का अनुरोध किया।

 

रविंद्र भाटी ने शिव जीएसएस से कम से कम छह घंटे लगातार सप्लाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। आरडीएसएस योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे फीडरों में हो रही अनावश्यक देरी पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए जल्द कार्य पूरा करने की मांग की, जिस पर विभागीय अधिकारियों ने वर्ष के अंत तक सभी पेंडेंसी समाप्त करने का आश्वासन दिया।

 

विधानसभा क्षेत्र में वर्षों से लंबित बिजली कनेक्शनों का मुद्दा भी गंभीरता से उठाया। विद्युत अधिनियम के अनुसार किसी भी आवेदन पर एक माह में कनेक्शन जारी होना अनिवार्य है, लेकिन शिव क्षेत्र में 2017 से लंबित कनेक्शन विभागीय लापरवाही का बड़ा उदाहरण हैं। इस संबंध में तत्काल कनेक्शन जारी करने और जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

 

ऊर्जा विभाग में मेन पावर, सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षित संसाधनों की भारी कमी पर भी चिंता व्यक्त की। ठेकेदारी प्रणाली के चलते FRT टीमों की स्थिति अत्यंत दयनीय है, जो सीधे विद्युत सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है। इन टीमों को पर्याप्त उपकरण और सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

बालेबा–फोगेरा की जर्जर 11 केवी लाइन, राणासर–हरसानी 33 केवी लाइन में देरी और हरसानी व गडरा रोड जीएसएस पर नए पावर ट्रांसफॉर्मरों की मांग जैसे मुद्दे भी विस्तार से रखे। इसके साथ ही बाड़मेर जिले में जलदाय विभाग के बिजली बाधित होने से बंद पड़े 16 कुओं जिनमें से 10 केवल गडरा रोड क्षेत्र के हैं को तुरंत चालू कराने के संबंध में भी मांग की।

 

गिरल पावर प्लांट को बेचने की अफवाहों के बीच विभाग से स्पष्ट जानकारी मांगी। अधिकारियों ने बताया कि सरकार इसे बेचने पर विचार नहीं कर रही, बल्कि प्लांट को पुनः संचालित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में मांग कर बताया कि यह हजारों लोगों के रोजगार से जुड़ा मुद्दा है और प्लांट को जल्द पुनर्जीवित करना आवश्यक है।

 

रविंद्र भाटी ने राजस्थान सरकार और संबंधित विभाग से आग्रह किया कि शिव विधानसभा क्षेत्र में सुचारू, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराना ऊर्जा विभाग की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। सभी लंबित कार्यों को निर्धारित समय में पूरा करें ताकि आमजन को राहत मिल सकें।


Content Editor

Anil Jangid

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