राजस्थान उपचुनाव के रण में रंधावा नहीं एक्टिव
Friday, Nov 08, 2024-02:08 PM (IST)
जयपुर | राजस्थान विधानसभा की 7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सत्तरूढ दल बीजेप के साथ कांग्रेस व अन्य क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दिवाली के त्योंहारी सीजन के बाद अब चुनावी प्रचार में काफी तेजी आ गई है। भाजपा जहां प्रदेश सरकार के 10 महीनों के कार्यकाल की उपलब्धियों को मुद्दा बना रही है तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल युवाओं- किसानों की अनदेखी और महिला अत्याचारों के मुद्दों पर जनता से वोट मांग रही है।
इस उपचुनाव में प्रदेश के बड़े नेताओं की साख दांव पर है। बात कांग्रेस की करें, तो पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट व भंवर जितेंद्र सहित कई सांसदों व विधायकों की साख दांव पर लगी हुई है। कांग्रेस के सामने अपनी चारों सीटों को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव काफी महत्वपुर्ण है क्योंकि पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखा जाए तो उपचुनाव में कांग्रेस अधिकतर आगे रही है, लिहाजा इस बार भी कांग्रेस ने बड़ी संख्या में स्टर प्रचारक घोषित किए थे। इस सूची में अशोक गहलोत, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली, सचिन पायलट, जितेंद्र सिंह, चिरंजीव राव, ऋतिक मकवाना, पूनम पासवान,डॉ.सीपी जोशी, डॉ.रघु शर्मा, हरीश चौधरी, धीरज गुर्जर का नाम शामिल हैं।
हालांकि सभी नेता अपने पूरे जोर शोर से अपने प्रभाव वाली सीटों पर प्रचार कर कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे है, लेकिन यहां यह देखना दिलचस्प है कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अभी तक राजस्थान के उपचुनाव में प्रचार से दूरी बनाए हुए है। .रंधावा आखिरी बार 21 अक्टूबर को स्क्रिनिंग कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए राजस्थान आए थे और उसके बाद रंधावा राजस्थान नहीं आए। राजस्थान में अब प्रचार के 3 दिन ही शेष लेकिन रंधावा का अभी तक राजस्थान आने का कोई कार्यक्रम नहीं है। जानकारी के मुताबिक रंधावा अभी पंजाब के उपचुनाव में व्यस्त है।
दरअसल रंधावा की पत्नी पंजाब के डेरा बाबा नानक सीट से चुनाव लड़ रही है। यह सीट रंधावा के सांसद बनने के कारण खाली हुई थी। ऐसे में रंधावा राजस्थान को भूलकर अपने क्षेत्र में ही चुनाव प्रचार में व्यस्त है। राजस्थान में चुनाव प्रचार खत्म होने में महज 4 दिन बाकी, लेकिन एक भी विधानसभा सीट पर रंधावा का प्रचार करने का कार्यक्रम नहीं है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के प्रदेश प्रभारी भी चुनाव प्रचार में एक्टिव नहीं है। ऐसे में राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चाएं है कि दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रभारी चुनाव प्रचार से आखिर कन्नी क्यों काट रहें है। क्या उनके लिए यह उपचुनाव महत्वपुर्ण नहीं है।