जुलाई माह में 3 ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन प्राकृतिक आपदा और ज्यादा बारिश की संभावना
Monday, Jun 30, 2025-04:08 PM (IST)

जुलाई माह में 3 ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन
प्राकृतिक आपदा और ज्यादा बारिश की संभावना
ज्योतिष की दृष्टि से वर्ष 2025 काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। अब जुलाई का महीना ज्योतिष और ग्रहों की दृष्टि से बहुत ही खास रहने वाला है इस महीने में सूर्य, मंगल, और शुक्र ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जुलाई में 3 प्रमुख ग्रह मंगल, सूर्य, और शुक्र अपनी चाल बदलेंगे। शुक्र मिथुन में गोचर, सूर्य देव कर्क राशि में गोचर और मंगल कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसका सभी राशियों पर शुभ अशुभ असर पड़ेगा। गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में उदित होंगे, शनि देव मीन राशि में वक्री होंगे, बुध कर्क में वक्री और बुध कर्क राशि में अस्त होंगे। इसके साथ ही शनि मीन राशि में, गुरु मिथुन राशि में, राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में गोचर करते हुए सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। चंद्रमा हर सवा 2 दिन के बाद अपनी चाल बदलते रहते हैं।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जुलाई में ग्रहों की जो स्थिति बनने जा रही है वह बड़े परिवर्तनों की ओर इशारा कर रही है। शुक्र मंगल और सूर्य के राशि परिवर्तन से व्यापार में तेजी आएगी। खेती और इससे जुड़े कामों में नुकसान होने के योग बन रहे हैं। देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी। प्राकृतिक घटनाएं होगी। भूकंप आने की संभावना है। तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं। यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है
जुलाई में ग्रहों का गोचर
9 जुलाई – गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में उदित होंगे
13 जुलाई – शनि देव मीन राशि में वक्री होंगे
16 जुलाई – सूर्य देव कर्क राशि में गोचर करेंगे
18 जुलाई – बुध कर्क में वक्री होंगे
24 जुलाई – बुध कर्क राशि में अस्त होंगे
26 जुलाई – शुक्र मिथुन में गोचर करेंगे
28 जुलाई – मंगल कन्या राशि में प्रवेश करेंगे
जुलाई व्रत त्योहार
3 जुलाई गुरुवार मासिक दुर्गाष्टमी
6 जुलाई रविवार देवश्यनी एकादशी
6 जुलाई रविवार गौरी व्रत
8 जुलाई मंगलवार भौम प्रदोष व्रत
9 जुलाई बुधवार आषाढ़ चौमासी चौदस
10 जुलाई गुरुवार कोकिला व्रत
10 जुलाई गुरुवार आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा
11 जुलाई शुक्रवार सावन शुरू
14 जुलाई सोमवार सावन पहला सोमवार
15 जुलाई मंगलवार मंगला गौरी व्रत
16 जुलाई बुधवार कर्क संक्रांति
21 जुलाई सोमवार सावन दूसरा सोमवार
21 जुलाई सोमवार कामिका एकादशी
22 जुलाई मंगलवार दूसरा मंगला गौरी व्रत/ सावन प्रदोष व्रत
23 जुलाई बुधवार सावन शिवरात्रि
24 जुलाई गुरुवार हरियाली अमावस्या
27 जुलाई रविवार हरियाली तीज
28 जुलाई सोमवार सावन का तीसरा सोमवार व्रत/ विनायक चतुर्थी
29 जुलाई मंगलवार नाग पंचमी
29 जुलाई मंगलवार तीसरा मंगला गौरी व्रत
30 जुलाई बुधवार स्कंद षष्ठी और कल्की जयंती
31 जुलाई गुरुवार तुलसीदास जयंती
ग्रहों के गोचर का प्रभाव
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि जुलाई में ग्रहों की जो स्थिति बनने जा रही है वह बड़े परिवर्तनों की ओर इशारा कर रही है। शुक्र बुध मंगल और सूर्य के राशि परिवर्तन से व्यापार में तेजी आएगी। खेती और इससे जुड़े कामों में नुकसान होने के योग बन रहे हैं। देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी। प्राकृतिक घटनाएं होगी। भूकंप आने की संभावना है। तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं। यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है। बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है। शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे। सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा। प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना। होटल रेस्टोरेंट वालों के लिए बहुत ही अच्छा समय होगा। सांस्कृतिक रूप से कोई कोई विवाद या उत्तल पुथल होने की संभावना।
राशियों को होगा फायदा
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मिथुन, वृश्चिक, मकर और मीन राशि के जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिलने वाली है। आर्थिक मामलों में भी फायदा मिलेगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। कार्य स्थल में आपके काम की प्रशंसा होगी। ऐसे में पदोन्नति भी मिल सकती हैं। व्यापारी वर्ग के लोगों को भी मुनाफा मिलेगा। कार्यों में अच्छी सफलताएं प्राप्त होंगी।
शुभ प्रभाव - मिथुन, वृश्चिक, मकर और मीन
अशुभ प्रभाव - वृष, सिंह, तुला और कुंभ
मिलाजुला प्रभाव - मेष कर्क, कन्या और धनु
क्या करें उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है। महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए। माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।