JNU में 11वाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ थीम के साथ भव्य उत्सव
Saturday, Jun 21, 2025-08:53 PM (IST)

जयपुर, 21 जून 2025 — जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी (JNU) ने 21 जून को 11वाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विश्वविद्यालय के खेल परिसर में “योग संगम” कार्यक्रम के रूप में मनाया। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य (One Earth, One Health)” रही ।
कार्यक्रम की झलकियाँ
उद्घाटन और विचार:
जेएनयू के कुलाधिपति डॉ. संदीप बक्शी ने उद्घाटन भाषण देते हुए योग की महत्ता पर बल दिया:
“योग आंतरिक शांति और बाह्य उद्देश्य के बीच सेतु है… यह शरीर को मजबूत बनाता है, मन को शांत करता है और आत्मा को जाग्रत करता है।”
डॉ. बक्शी ने 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के लिए भी प्रशंसा की और इसे भारत की प्राचीन विरासत से जुड़ने का माध्यम बताया।
विश्वविद्यालय कमिटमेंट
कार्यक्रम में कुलपति, प्रो-कुलपति, निदेशकगण, विभागाध्यक्ष, संकाय और छात्र सभी ने उत्साह जताया, जिससे जेएनयू की स्वास्थ्य और सामाजिक प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति हुई।
विशेष रूप से:
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फिजियोथेरेपी विभाग ने “योग समावेश”, “योग कनेक्ट”, “हरित योग” जैसी पहल आयोजित की।
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साथ ही “एनईपी 2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली के साथ योग का एकीकरण” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी भी संपन्न की गई।
आगे की योजनाएँ
जेएनयू ने अपनी प्रतिबद्धता का विस्तार करते हुए आगामी कदम भी घोषित किए:
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नियत—समय योग प्रसार: नियमित सत्र और कार्यशालाओं का आयोजन
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शैक्षणिक योग पाठ्यक्रम: विभिन्न विषयों में क्रेडिट-आधारित कोर्स प्रस्तावित
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अनुसंधान और इंटर्नशिप: आयुष मंत्रालय और अन्य संगठनों से सहयोग
इन प्रयासों से विश्वविद्यालय में योग जीवनशैली का अंग बन जाने की राह मजबूत होगी।
‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’—एक व्यापक पहल
इस वर्ष की थीम में व्यक्तिगत और ग्रह स्वास्थ्य के बीच घनिष्ठ संबंध को दर्शाया गया है। JNU का यह आयोजन केवल एक समारोह नहीं, बल्कि योग के माध्यम से जागरूकता, सहयोग और सामूहिक कल्याण को बढ़ावा देने का अहम् प्रयास था।
निष्कर्ष
JNU का “योग संगम” कार्यक्रम एक प्रेरणादायक नमूना है — जहाँ शैक्षणिक उत्कृष्टता, सामाजिक ज़िम्मेदारी और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता के बीच संतुलन स्थापित हुआ। योग को शिक्षा और जीवनशैली में एक स्थायी तत्व बनाने की दिशा में यह एक नए अध्याय की शुरुआत है।
आप क्या कर सकते हैं?
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अपनी संस्था में नियमित योग सत्र शामिल करें
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“One Earth, One Health” के संदेश को सोशल मीडिया पर फैलाएँ
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JNU की तरह अपनी पाठ्यचर्या और दैनिक दिनचर्या में योग को अपनाएँ
योग सिर्फ एक अभ्यास नहीं—यह हमारी आंतरिक और बाहरी दुनिया को जोड़ता है।