राजधरा पोर्टल पर उपलब्ध होगी खनिज संबंधी आवश्यक जानकारी,
Thursday, Jul 10, 2025-05:36 PM (IST)

राजधरा पोर्टल पर उपलब्ध होगी खनिज संबंधी आवश्यक जानकारी, पीएमगतिशक्ति से भी होगी इंटीग्रेट -माइनिंग प्लान व नोड्यूज के ऑनलाइन मोड्यूल का परिचालन शुरु
जयपुर, 10 जुलाई। प्रमुख सचिव खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने कहा है कि राज्य के मिनरल ब्लॉकों व प्लाटों के डेलिनियेशन से लेकर खान परिचालन सहित सभी आवश्यक जानकारी अब राजधरा पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस जानकारी को प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल से भी इंटीग्रेट किया जाएगा ताकि आवश्यक सभी जानकारी सहज उपलब्ध हो सके।
प्रमुख सचिव खान टी. रविकान्त गुरुवार को खनिज भवन में निदेशक माइंस श्री दीपक तंवर, विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सूचना एवं प्रोद्योगिकी डीओआईटी राजधरा टीम के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में डेलिनियेशन कार्य आरंभ होने के साथ ही उपलब्ध खनिज और उसके संभावित डिपोजिट व अन्य आवश्यक जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध हो सकेगी। खान विभाग और डीओआईटी के अधिकारियों की टीम द्वारा दो से तीन माह में इसे अंतिम रुप दे दिया जाएगा। इसके लिए खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान आलोक प्रकाश जैन और डीओआईटी की श्वेता सक्सैना को समन्वयक अधिकारी बनाया गया है। यह अधिकारी प्रति सप्ताह प्रगति से राज्य सरकार को अवगत करायेंगे।
रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा माइनिंग सेक्टर में राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाने की दिशा में अनवरत रुप से प्रगतिशील निर्णय ले रहे हैं। माइनिंग सेक्टर की यह जानकारी राजधरा पोर्टल व प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल पर उपलब्ध होने से संबंधित विभागों के बीच बेहतर तालमेल और खनन सेक्टर में अधिक निवेश, रोजगार और राजस्व के अवसर उपलब्ध होंगे।
प्रमुख सचिव खान रविकान्त ने बताया कि राजधरा पोर्टल पर राज्य की खनिज संपदा को भी तीन लेयर में प्रदर्शित किया जाएगा जिसमें एक लेयर में मेजर मिनरल होंगे तो दूसरी लेयर में माइनर मिनरल और तीसरी लेयर में खनिज बजरी की जानकारी होगी। पोर्टल पर ही ब्लॉक व प्लॉट क्षेत्र में वन या चारागाह भूमि होने की भी जानकारी होगी जिससे आधारभूत ढांचा यथा सड़क-परिवहन या अन्य विकास कार्यों में खनन क्षेत्रों में ओवरलेपिंग भी नहीं हो सकेगी। इससे पहले विभाग में माइनिंग प्लान के ऑनलाइन अनुमोदन व नोड्यूज जारी करने के मॉड्यूल को परिचालन में लाया जा चुका है।
निदेशक माइन्स दीपक तंवर ने बताया कि विभाग द्वारा व्यवस्था के सरलीकरण और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन मॉड्यूल परिचालन में लाने आरंभ कर दिये हैं। माइनिंग प्लान अनुमोदन व नोड्यूज के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरु हो गई है। उन्होंने बताया कि इसकी प्रभावी मोनिटरिंग की जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षण खनि अभियंताओं को दी जा रही है।
सूचना एवं प्रोद्यौगिकी विभाग के तकनीकी निदेशक अप्रेश दुबे, उपनिदेशक विनय कुमार और राजधरा टीम के सदस्यों ने विश्वास दिलाया कि पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने और पीएमगतिशक्ति से इंटीग्रेट करने का कार्य खान विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए दो सवा दो माह में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि डीओआईटी द्वारा इसे प्राथमिकता से लिया जा रहा है।
बैठक में संयुक्त सचिव माइन्स आशु चौधरी, अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर, पीआर आमेटा, एमपी मीणा, अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान आलोक प्रकाश जैन, गोपालाराम, वित्तीय सलाहकार गिरिश कछारा, अधीक्षण खनि अभियंता, एनएस शक्तावत, प्रताप मीणा, ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी सुनील वर्मा, संजय सक्सैना, एसीपी जयेश व अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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