खाकी के खिलाफ गुस्से में युवा विधायक ?

Sunday, Apr 20, 2025-11:51 AM (IST)

हनुमानगढ़, 20 अप्रैल 2025 ।( बालकृष्ण थरेजा): विपक्ष वाली पार्टी की यूथ विंग के प्रधान और जिले से युवा विधायक इन दिनों खाकी के खिलाफ खूब गुस्से में हैं ।उनके विधानसभा हलके में एक युवा मिस्त्री की दुर्घटना में मौत हो गई। उन्होंने पुलिस पर मृतक के परिजनों के साथ सही व्यवहार नहीं करने का आरोप लगाते हुए थाने के आगे धरना लगा दिया। धरने में विपक्ष वाली पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हो गए ।विधायक ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज करने और थाना इंचार्ज को हटाने की मांग कर डाली। पूरे प्रकरण में विधायक बहुत गुस्से में दिखे। विधायक ने थाना प्रभारी को हटाने के लिए पूरा जोर लगाया। यहां तक कि मृतक के परिजनों के आरोपों पर विधायक ने डीएसपी के साथ खूब सख्त व्यवहार किया। दूसरी तरफ सत्ता वाली पार्टी के नेता इसे विधायक का दबाव बताते हुए इकट्ठा हुए। उन्होंने मांग की की युवक की मृत्यु दुर्घटना में हुई है इसलिए उसे आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए लेकिन विधायक इसमें राजनीति कर रहे हैं। विपक्ष ने कहा कि विधायक भीड़ को उकसा कर प्रभारी की गाड़ी तक तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। चूंकि मामला दुर्घटना से जुड़ा था और धरना लंबा खींचना मुश्किल लग रहा था। चर्चा है कि इसी बीच विधायक को किसी ने नरमाई का रास्ता अपनाने की सलाह दी। बाद में विधायक थाना इंचार्ज को छुट्टी पर भेजने पर सहमत हो गए जबकि पहले इंचार्ज को सस्पेंड करने की मांग कर रहे थे। असल में विधायक का यह गुस्सा उनकी सुनवाई न होने की वजह से है। विधायक आरोप लगा रहे हैं कि थाना इंचार्ज सिर्फ सत्ता वाले लोगों की सुनते हैं इसलिए जनता परेशान है। विधायक थाना इंचार्ज को हटाने के लिए मौके की तलाश में थे और इस बार उन्हें यह बड़ा मुद्दा मिल गया।

फटकार से बढ़ेगी तकरार !
विपक्ष वाली पार्टी के प्रदेश प्रधान इन दिनों खूब हौसले में हैं ।प्रदेश में एक जिले में जिला कार्यालय के उद्घाटन के दौरान उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायकों के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई। प्रदेश प्रधान ने यहां तक कह दिया कि जब पार्टी के सबसे बड़े नेता जिला इकाइयों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं तो उनकी ही पार्टी के विधायक जिला इकाइयों को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश प्रधान ने चेतावनी दी की पार्टी के नेताओं का यह रवैया बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने ऐसे नेताओं को पार्टी की स्लीपर सेल करार दे दिया। प्रदेश प्रधान ने कहा कि पार्टी कार्यक्रमों की अवहेलना करने वाला चाहे कितना ही बड़ा नेता क्यों न हो टिकटों में उसकी नहीं चलेगी। टिकट जिला कार्यालय में ही बांटी जाएगी। पार्टी के प्रदेश प्रधान का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब दिल्ली जिला इकाइयों को मजबूत करने की रणनीति बनाने में जुटी है। दरअसल इस कार्यक्रम में पार्टी के युवा नेता के समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे और प्रदेश के पूर्व मुखिया के बेटे उपस्थित रहे। पूर्व मुखिया के बेटे ने इस जिले से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। प्रदेश प्रधान का इतना सख्त बयान प्रदेश के कार्यकर्ताओं को मैसेज देने के लिए काफी है। कई कार्यकर्ता इसे पार्टी हित में बता रहे हैं। अब उनके बयान की गूंज दिल्ली तक है। हो सकता है यह बयान अब युवा नेता के धड़े के लिए परेशानी बन जाए।

क्या दर्द दिल में दबा गए  बाबा?
प्रदेश सरकार में मंत्री बाबा के काम पर लौटने से प्रदेश के मुखिया और सत्ता वाली पार्टी ने राहत की सांस ली है। बाबा ने सचिवालय जाकर कामकाज संभाल लिया है और अब उनके सुर भी कुछ नरम हो गए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से ही बाबा मंत्री पद छोड़ने का ऐलान कर चुके थे। हालांकि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था। बाबा के बयानों से पार्टी लंबे समय से असहज थी। बाबा ने कई बार कहा कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही। वह जनता के काम के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। बाबा के बयानों से विपक्ष वाली पार्टी को भी बड़ा मुद्दा मिल रहा था। बाबा के काम पर लौटने से दिल्ली से लेकर प्रदेश की राजधानी तक में सुकून महसूस किया जाने लगा है। अब सवाल यह है कि बाबा के दिल में जो दर्द उबाल मार रहा था क्या वह वास्तव में दब गया है? आने वाले दिनों में बाबा के कामकाज के तरीके से इसका सही आंकलन हो पाएगा


Content Editor

Kailash Singh

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