करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

Wednesday, Jan 29, 2025-04:12 PM (IST)

हनुमानगढ़, 29 जनवरी (बालकृष्ण थरेजा): ‘ऑपरेशन साइबर शील्ड’ के तहत हनुमानगढ़ पुलिस ने साइबर फ्रॉड गिरोह के खिलाफ बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने फर्जी फर्म बनाकर फर्म के नाम से फर्जी बैंक अकांउट खोलकर करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से विभिन्न बैंकों के खातों की पासबुक/चेकबुक व एटीएम/डेबिट कार्ड, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, रबड़ की फर्जी स्टाम्प मोहर एवं बैंक सम्बंधी कागजात बरामद हुए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ठग गिरोह ने अकाउंट्स में लगभग 26 करोड़ रुपए की साइबर फ्रॉड राशि का लेन-देन किया है। एनसीआरपी पोर्टल पर उक्त बैंक खातों के खिलाफ 16 राज्यों से 66 साइबर पोर्टल शिकायतें दर्ज हैं। यह कार्रवाई साइबर पुलिस थाना, जिला साइबर सैल एवं जिला विशेष टीम की ओर से की गई। बुधवार को पुलिस उप महानिरीक्षक व सह जिला पुलिस अधीक्षक अरशद अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में चलाए जा रहे विशेष अभियान साइबर शील्ड के तहत भारत सरकार की ओर से संचालित एनसीआरपी पोर्टल/जेएमआईएस पोर्टल पर प्राप्त साइबर फ्रॉड परिवादों की जांच के संबंध में जिला साइबर सैल, साइबर पुलिस थाना एवं डीएसटी की विशेष टीम गठित कर निर्देशित किया गया। गठित टीम ने पोर्टल पर प्राप्त साइबर फ्रॉड परिवादों का गहनता से तकनीकी विश्लेषण किया तो देश के विभिन्न राज्यों में दर्ज 66 परिवादों से हनुमानगढ़ क्षेत्र के 60 खातों में लगभग 26 करोड़ राशि का साइबर फ्रॉड होना पाया गया। इस पर गठित टीम ने विभिन्न तकनीकी साक्ष्यों का गहन परीक्षण कर अथक प्रयासों से साइबर ठगी गिरोह के सदस्य आकाशदीप (28) पुत्र कर्मजीत सिंह जटसिख निवासी चक 1 आरबी, वीपीओ फकीरवाली पीएस पदमपुर जिला श्रीगंगानगर, आदित्य (23) पुत्र नवरंग लाल वाल्मीकि निवासी जीजीएस स्कूल के पीछे हनुमानगढ़ जंक्शन, जाकिर हुसैन (30) पुत्र जान मोहम्मद निवासी वार्ड 44, बरकत कॉलोनी, हनुमानगढ़ टाउन, कैलाश खीचड़ (26) पुत्र दौलतराम जाट निवासी वार्ड 4, पक्कासारणा पीएस सदर हनुमानगढ़ व निर्देश बिश्नोई (27) पुत्र अजयपाल निवासी वार्ड 7, अबोहर बस स्टैंड के पीछे, संगरिया को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से विभिन्न बैंकों के खातों की 60 पासबुक/चेकबुक व 32 एटीएम/डेबिट कार्ड, 11 मोबाइल फोन, 8 सिम कार्ड, 7 रबड़ की फर्जी स्टाम्प मोहर एवं बैंक सम्बंधी कागजात बरामद हुए।
बैंक कर्मियों की भी भूमिका आई सामने
डीआईजी अरशद अली ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उक्त राशि इन्वेस्टमेंट फ्रॉड (फर्जी ट्रेडिंग एप बनाकर टेलीग्राम के जरिए लोगों से सम्पर्क कर शेयर मार्केट पर पैसा लगाने का झांसा देना), अवैध गैमिंग, क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड, यूएसडीटी आदि के जरिए म्यूल/फर्जी बैंक खातों में लेकर कैश के रूप में निकलवा कर गिरोह के अन्य सदस्यों में बांट देते थे। प्रथम दृष्टतया बैंक कर्मियों की ओर से अकांउट ओपनिंग, नेट बैंकिंग एवं कैश निकासी में जालसाजी कर साइबर ठगों की सहायता करना भी सामने आया है। इसके संबंध में विस्तृत जांच की जाएगी। गिरोह के खिलाफ साइबर पुलिस थाना में अभियोग पंजीबद्ध किए गए हैं। इनका अनुसंधान जारी है।
इस तरह करते थे वारदात
डीआईजी अरशद अली ने बताया कि साइबर ठग गिरोह के सदस्यों की ओर से भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके बाद गिरोह के सदस्य भोले-भाले तथा नशेड़ी प्रवृति के लोगों को बहला-फुसलाकर या उन्हें चंद रुपयों का प्रलोभन देकर उनके कागजात से विभिन्न बैंकों में बैंक खाते खुलवाकर बैंक की पास बुक, एटीएम, चेक बुक, सिम कार्ड व हस्ताक्षरशुदा चेक अपने पास रख लेते थे। फिर उन बैंक खातों में साइबर ठगी की राशि आने पर हस्ताक्षरशुदा चेक से निकाल लेते। कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में साइबर पुलिस थाना, जिला साइबर सैल व जिला विशेष टीम के सदस्य शामिल रही।


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Kailash Singh

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