जेल में रौशन हुई उम्मीदें: बंदियों ने बनाए पर्यावरण-अनुकूल दीपक"
Friday, Oct 17, 2025-06:53 PM (IST)

जयपुर । दीपावली के पावन पर्व के उपलक्ष्य में विशेष केंद्रीय कारागार श्यालावास में एक अनूठी और पर्यावरण-अनुकूल पहल शुरू की गई है। जेल में बंदियों द्वारा पारंपरिक मिट्टी और गोबर के दीपक तैयार किए जा रहे हैं। यह प्रयास बंदियों को रचनात्मक कार्यों से जोड़कर उनमें सकारात्मकता और आत्मनिर्भरता का विकास कर रहा है।
जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ की प्रेरणा से शुरू की गई इस पहल में बंदी लालचंद और अर्जुन दीपक निर्माण का कार्य कर रहे हैं। इस कार्य की निगरानी जेलर विकास बागोरिया और उप जेलर दिलावर ख़ान द्वारा की जा रही है। जेल प्रशासन का उद्देश्य इन सृजनात्मक कार्यों के माध्यम से बंदियों में श्रमशीलता और कलात्मकता को बढ़ावा देना है। मिट्टी और गोबर से बनाए जा रहे ये दीपक न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं बल्कि बंदियों की कला और मेहनत का उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहे हैं। इस पहल से कारागार परिसर में दीपावली का माहौल खुशनुमा हो गया है। जेल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इस बार दीपावली पर जेल परिसर को जेल में बने इन्हीं पर्यावरण-अनुकूल दीपकों से रोशन किया जाएगा, जो बंदियों के श्रम का सम्मान होगा।