किरोड़ी मीणा से अदावत रखने वाले हुडला को एक बार फिर मिली धमकी
Saturday, Nov 16, 2024-01:42 PM (IST)
दौसा | राजस्थान के महवा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ओम प्रकाश हुडला को जान से मारने की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, पिछले सात दिनों में हुडला को यह तीसरी बार फोन पर धमकी दी गई है। हाल ही में आई धमकी के दौरान हुडला ने बातचीत का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया। इस वीडियो में धमकी देने वाले व्यक्ति और ओम प्रकाश हुडला के बीच हुई पूरी बातचीत दर्ज है, महवा विधानसभा के पूर्व विधायक ओम प्रकाश हुडला ने जान से मारने की धमकी वाले फोन कॉल का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। हुडला ने पुलिस को भी इस संबंध में परिवाद सौंपा है। गौरतलब है कि ओपी हुडला हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं,बतादें कि ओम प्रकाश हुडला महवा गांव के रहने वाले हैं. पिछले दस सालों से पूर्वी राजस्थान में ओपी हुडला अलग-अलग कारणों की वजह से सुर्खियों में रहे हैं. ओम प्रकाश हुडला राजनीति में कदम रखने से पहले कस्टम विभाग में अधिकारी थे. कहा जाता है कि हुडला वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते थे. यही वजह है कि हुडला ने साल 2013 में महवा विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उस समय हुडला के सामने राजपा (जो अब बीजेपी में विलय हो गई है) पार्टी के प्रमुख किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी की चुनौती थी. लेकिन हुडला ने जीत हासिल की. इसके बाद ओपी हुडला वसुंधरा राजे की सरकार में संसदीय सचिव बनाए गए.। वहीं साल 2018 में जब विधानसभा चुनाव से पहले किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी में वापस आ गए और राजपा को विलय कर लिया. तब महवा सीट से ओपी हुडला का टिकट कट गया था. इसके बाद हुडला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत दर्ज कर किरोड़ी लाल मीणा को बड़ा सियासी झटका दिया था। 2023 के चुनाव से पहले ओपी हुडला कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें महवा सीट से टिकट मिला. इस बार हुडला के सामने किरोड़ी लाल मीणा के भतीजे राजेंद्र की चुनौती थी. लेकिन ओपी हुडला को इस बार हार का सामना करना पड़ा.लेकिन पूर्वी राजस्थान में ओपी हुडला और किरोड़ी लाल मीणा की सियासी अदावत लगातार जारी है. दौसा विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस नेता के तौर पर हुडला ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा के ख़िलाफ़ जमकर प्रचार किया.