सरदारशहर नगरपरिषद: सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक से पहले हाईकोर्ट की रोक
Friday, Jun 27, 2025-03:16 PM (IST)

सरदारशहर | सरदारशहर नगरपरिषद में सभापति राजकरण चौधरी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एक बार फिर विवादों में घिर गया है। शुक्रवार को प्रस्ताव पर बुलाई गई बैठक से पहले जोधपुर हाईकोर्ट ने मतगणना पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी किया है। यह आदेश सभापति की उस याचिका पर दिया गया है, जिसमें उन्होंने बैठक स्थगित करने और जारी नोटिस को निरस्त करने की मांग की थी। नगरपरिषद में कुल 57 सदस्य हैं, जिनमें 55 निर्वाचित पार्षद और 2 पदेन सदस्य—स्थानीय सांसद और विधायक—शामिल हैं। प्रस्ताव पारित करने के लिए तीन-चौथाई बहुमत, यानी 43 मतों की आवश्यकता है।
क्या है पूरा मामला?
30 मई को कांग्रेस और भाजपा के कुल 44 पार्षदों ने संयुक्त रूप से जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था। सभापति राजकरण चौधरी ने इस प्रस्ताव की वैधता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि 10 पार्षदों के हस्ताक्षर फर्जी हैं और उन्हें प्रस्ताव का विधिवत नोटिस नहीं मिला। चौधरी की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए जोधपुर हाईकोर्ट ने फिलहाल मतगणना पर रोक लगा दी है। कोर्ट में अगली सुनवाई तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, चुनाव अधिकारी अनुपस्थित
नगरपरिषद कार्यालय के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। थानाधिकारी मदन विश्नोई पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर मौजूद हैं। वहीं, इस चुनाव के लिए नियुक्त निर्वाचन अधिकारी सुजानगढ़ एडीएम मंगलाराम पूनिया की बीमारी के चलते गैरहाजिरी भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच गांधी चौक पर सभापति समर्थकों ने प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी है। मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है और शहर की राजनीति में उबाल है।
सांसद-विधायक को भी मतदान का अधिकार
हाईकोर्ट के 2018 के एक फैसले के अनुसार, नगर निकायों में पदेन सदस्य के रूप में शामिल सांसद और विधायक को भी मतदान का अधिकार है। ऐसे में सरदारशहर के सांसद राहुल कस्वां की भूमिका अहम मानी जा रही है, हालांकि अब मतगणना पर रोक के चलते यह प्रक्रिया स्थगित हो गई है। यह मामला अब पूरी तरह हाईकोर्ट के अगले आदेश पर निर्भर है। फिलहाल सरदारशहर में नगरपरिषद की राजनीति गर्माई हुई है और अगली सुनवाई तक स्थिति अस्थिर बनी रह सकती है।