महाजन की धरती हुए भारत–मलेशिया के हरिमाउ शक्ति–2025 का समापन

Friday, Dec 19, 2025-05:52 PM (IST)

बीकानेर। राजस्थान के सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और मलेशिया के बीच आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास हरिमाउ शक्ति–2025’ का पाँचवाँ संस्करण 19 दिसंबर 2025 को औपचारिक समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ। दो सप्ताह तक चले इस अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ने न केवल दोनों सेनाओं की युद्ध क्षमता और रणनीतिक कौशल को सुदृढ़ किया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत और मलेशिया बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में एक-दूसरे के भरोसेमंद रक्षा साझेदार के रूप में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।

 

मरुस्थलीय और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में आयोजित इस अभ्यास ने सैनिकों को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में प्रशिक्षण का दुर्लभ अवसर प्रदान किया। 05 दिसंबर से 18 दिसंबर 2025 तक चले इस अभ्यास के दौरान प्रत्येक दिन को विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल के रूप में संरचित किया गया। भारतीय सेना और मलेशियाई सेना के जवानों ने साथ रहकर, संयुक्त अभ्यास करते हुए एक-दूसरे की कार्यप्रणाली, कमांड सिस्टम और युद्ध कौशल को गहराई से समझा। इस गहन प्रशिक्षण से दोनों सेनाओं की शारीरिक क्षमता, मानसिक मजबूती और सामरिक निर्णय क्षमता को नई धार मिली।

 

हरिमाउ शक्ति–2025 का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत उप-पारंपरिक अभियानों का संयुक्त अभ्यास करना रहा। आधुनिक दौर में आतंकवाद, उग्रवाद और असममित युद्ध जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस अभ्यास में कानूनी ढांचे, नियमों और मानवीय पहलुओं पर भी विशेष जोर दिया गया। इससे दोनों सेनाओं की संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भूमिका निभाने की तैयारी को मजबूती मिली।

 

अभ्यास के दौरान संयुक्त टैक्टिकल ड्रिल्स के माध्यम से ऑपरेशनल तालमेल को और सशक्त किया गया। मिश्रित टुकड़ियों द्वारा संयुक्त गश्त, क्षेत्र नियंत्रण, तलाशी अभियान और लक्ष्य निष्प्रभावन जैसी गतिविधियों ने इंटरऑपरेबिलिटी और रियल-टाइम कोऑर्डिनेशन को बेहतर बनाया। इसके साथ ही शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें भवनों की तलाशी, संकरी गलियों में मूवमेंट, नागरिक सुरक्षा और सटीक कार्रवाई जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल रहे।

 

अभ्यास का एक प्रमुख आकर्षण MI-17 हेलीकॉप्टर से स्लिथरिंग ड्रिल और हेलीबोर्न ऑपरेशंस रहा। लो-होवर जंप और त्वरित सैनिक तैनाती के अभ्यास ने आपात स्थितियों में तेज प्रतिक्रिया क्षमता को और मजबूत किया। इसके अलावा घात युद्धाभ्यास, कमांड पोस्ट एक्सरसाइज (CPX) और लाइव फायरिंग अभ्यास के जरिए नेतृत्व क्षमता, योजना निर्माण और आधुनिक हथियार प्रणालियों के उपयोग का व्यापक प्रशिक्षण दिया गया।

 

हरिमाउ शक्ति–2025 में आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन (AMAR), कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग, योग और शारीरिक फिटनेस से जुड़ी गतिविधियों को भी शामिल किया गया। इन अभ्यासों ने यह संदेश दिया कि आधुनिक सैनिक के लिए शारीरिक दक्षता के साथ मानसिक संतुलन भी उतना ही आवश्यक है। इसके साथ ही खेल प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान ने दोनों देशों के सैनिकों के बीच आपसी विश्वास और सौहार्द को और प्रगाढ़ किया।

 

भारतीय सेना के अनुसार, यह अभ्यास भारत और मलेशिया के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग, ऑपरेशनल तालमेल और पारस्परिक विश्वास का सशक्त प्रतीक बनकर उभरा है। समापन समारोह के साथ यह स्पष्ट संदेश गया कि दोनों देश न केवल द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्रीय शांति और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी साझा संकल्प के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं। हरिमाउ शक्ति–2025 ने भविष्य में और व्यापक सैन्य सहयोग के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।


Content Editor

Anil Jangid

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