भीलवाड़ा राष्ट्रीय पशुपालन संघ व डीएनटी समाज करेगा सरकार की नीतियों का "महा बहिष्कार"
Wednesday, Jul 30, 2025-04:48 PM (IST)

भीलवाड़ा । अगस्त में जयपुर में होने वाले "महा-बहिष्कार आंदोलन" को लेकर विमुक्त, घुमंतू और अर्थ घुमंतू (डीएनटी) समाजों की स्थिति और मागों को लेकर आज एक पत्रकार वार्ता हुई। राष्ट्रीय पशुपालक संघ एवं डीएनटी संघर्ष समिति के अध्यक्ष लालजी राईका और विमुक्त घुमंतु, अर्ध घुमंतू जाति परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रतन नाथ कालबेलिया ने संबोधित करते हुए कहा कि इन समाजो के विकास के लिए सरकार से 10 प्रमुख मांगे की गई हैं, जो रेनके आयोग और इदातें आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय की गई है। राजस्थान में वर्तमान में सरकारी सूची में लगभग 32 डीएनटी समाज शामिल हैं, जबकि वास्तविक संख्या 50 से अधिक है। इनकी अनुमानित जनसंख्या करीब 1.23 करोड़ है. जो राज्य की कुल जनसंख्या का 15% है। बावजूद इसके इन समाजों को आजादी के 75 वर्षों बाद भी प्रशासन, राजनीति, शिक्षा और व्यवसाय में कोई प्रभावी भागीदारी नहीं मिली है।
इन समाजों के पास आवास नहीं है, और जिनके पास है भी तो उन्हें पट्टे नहीं मिले हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए कोई विशेष योजना या सुविधा नहीं है। वर्तमान आरक्षण व्यवस्था में इन्हें अन्य समाजों के साथ जोड़ दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट और आयोगों की सिफारिशों के अनुसार इनका आरक्षण में उपवर्गीकरण किया जाना चाहिए। नेताओं ने बताया कि इससे पहले 7 अप्रैल को पाली और 3 मई को जोधपुर में भी हजारों लोगों ने बहिष्कार आंदोलन में भाग लिया, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई।
इसलिए अब 1 जुलाई को जयपुर के वीटी ग्राउंड, मानसरोवर में एक विशाल महा-बहिष्कार आंदोलन किया जाएगा, जिसमें राजस्थान के हन ज़िले से बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। यदि इस आंदोलन के बाद भी सरकार ने इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को गाँव-गाँव तक फैलाया जाएगा। यह बहिष्कार कोई विरोध नहीं, बल्कि सकारात्मक चेतावनी है कि यदि सरकार हमारी प्रकृति, जीवनशैली और सामाजिक स्थिति को समझकर समावेशी नीतियाँ नहीं बनाती, तो समाज मौजूदा सिस्टम को अस्वीकार करेगा।