भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन: एसीबी के अपने ही अफसर जगराम मीणा 9.35 लाख के साथ ट्रैप
Saturday, Jun 28, 2025-07:10 PM (IST)

राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस बार अपने ही विभाग के बड़े अफसर पर शिकंजा कस दिया है। जो अफसर खुद भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करते थे, अब वही खुद एसीबी के जाल में फंस गए। मामला है एडिशनल एसपी जगराम मीणा का, जो झालावाड़ में एसीबी में तैनात थे और हाल ही में उनका तबादला भीलवाड़ा कर दिया गया था। लेकिन भीलवाड़ा पहुंचने से पहले ही जयपुर एसीबी की टीम ने उन्हें शिवदासपुरा टोल नाके के पास ट्रैप कर लिया। एसीबी की टीम को पहले से सूचना थी कि जगराम मीणा हर शुक्रवार झालावाड़ के सरकारी दफ्तरों से सुविधा शुल्क और मासिक बंदी के रूप में रिश्वत की रकम वसूल कर जयपुर अपने घर लाते हैं। शुक्रवार 27 जून को भी उन्होंने यही पैटर्न दोहराया, लेकिन इस बार टीम अलर्ट थी। जयपुर एसीबी के एडिशनल एसपी पुष्पेन्द्र सिंह के नेतृत्व में शिवदासपुरा टोल पर उनकी कार RJ 14 AC 6215 को रोका गया। कार की तलाशी में एक फोल्डर, लिफाफों और बैगों में छिपाकर रखी गई 500-500 की नोटों की गड्डियां बरामद हुईं। कुल मिलाकर 9 लाख 35 हजार रुपये नकद मिले, जिनका कोई दस्तावेज या संतोषजनक जवाब मीणा नहीं दे सके। जांच यहीं नहीं रुकी। जब एसीबी टीम ने जगराम मीणा के जयपुर स्थित निवास मकान नंबर 31, चकरोल, जेडीए कॉलोनी, एसकेआईटी के पीछे, जगतपुरा पर सर्च की तो वहां से 39 लाख 50 हजार रुपये नकद और 85 बोतल अवैध अंग्रेजी शराब भी बरामद हुई। साथ ही फ्लैट से जुड़े दस्तावेज भी मिले, जो उनकी आय से अधिक संपत्ति की ओर इशारा करते हैं। सूत्रों के अनुसार, जगराम मीणा की गतिविधियों पर दो महीने से निगरानी रखी जा रही थी। इससे पहले भी वह एक बार एसीबी के जाल में आने से बच चुके थे, लेकिन इस बार पुष्पेन्द्र सिंह और इंस्पेक्टर अर्चना मीणा की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने पुष्टि की है कि एडिशनल एसपी जगराम मीणा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के सुपरविजन में पूछताछ और जांच जारी है।