जीर्णशीर्ण हालत में है स्कूल, 115 साल पुराना है भवन, सब की अनदेखी
Monday, Jul 28, 2025-05:02 PM (IST)

जीर्णशीर्ण हालत में है स्कूल, 115 साल पुराना है भवन, सब की अनदेखी
बारां, 28 जुलाई(दिलीप शाह)। जिला मुख्यालय के बारां-कोटा रोड़ पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के भवन की इमारत हेरिटेज लुक से कम नहीं है। कारण भी है कि यह इमारत आजादी से पूर्व अंग्रेजों के जमाने में एक अंग्रेज ने 1932 में ही व्यवसाई कारणों से तैयार करवाई थी और इसी भवन में कांच घर बनाया था। लेकिन काम में नुकसान होने पर इसे बंद कर दिया। इतना ही नहीं अंग्रेज ने इस कांच भवन के कैम्पस में मीटिंग या प्रार्थना जैसा हॉल निर्मित करवाया था जो वास्तु का बेजोड़ नमूना है, जो अब जीर्ण शीर्ण अवस्था में बंद तालो में है। दुखद स्थिति तो यह है कि आई-गई सरकारों ने ना इस भवन की इमारत पर कोई ध्यान दिया, ना ही इमारत की महत्ता को समझा, जो एक जमाने में आकर्षण का केंद्र रही है। वर्तमान में चल रहे इसी सीनियर सेकेंडरी स्कूल भवन की स्थिति काफी समय से नाजुक तथा जर्जर है। सोमवार को आखिर भवन का एक हिस्सा ढह ही गया। हालांकि, सरकार में बारां की नुमाइंदगी ना रही हो ऐसा भी नहीं था। जिले से पहली बार रामचरण यादव के मंत्री बनने के बाद तीसरी बार मदन दिलावर शिक्षा विभाग ही संभाले हुए हैं, प्रतापसिंह सिंघवी, दो बार प्रमोद जैन भाया मंत्री बने लेकिन इन्होंने ने भी जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए इस इमारत को जांचने, देखने तथा इसे सुरक्षित बनाएं रखने के कोई प्रयास किए हो। इनकी नजरों से भी यह स्कूल की इमारत नजरअंदाज ही रहीं। बताते है कि आजादी के बाद सरकार ने 1955 में कोटा तथा बारां में दो मल्टीपरपज स्कूलों की घोषणा की। बारां को पुराने कांच घर के भवन को उपयुक्त मानते हुए 1956 में इसे शिक्षा विभाग को सौंपते हुए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में तब्दील कर दिया। जो जिले का यह सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित विद्यालय कहा जाता है। भवन में मध्य निर्मित हॉल जो वास्तु का बेजोड़ नमूना था वहां प्रार्थना होती थी या स्कूल के कार्यक्रम। जो अब जीर्ण शीर्ण है। कभी इसमें हजारों विद्यार्थियों का नामांकन रहा है।