पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामलें में थानाधिकारी समेत 23 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

Tuesday, Jul 29, 2025-05:04 PM (IST)

पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामलें में थानाधिकारी समेत 23 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
बारां , 29 जुलाई (दिलीप शाह)। राजस्थान के बारां जिले के किशनगंज थाने में पुलिस हिरासत में हत्या के आरोपी लोकेश सुमन की सोमवार को हुई संदिग्ध मौत के मामले में जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंडासु ने किशनगंज थाने के थानाधिकारी विनोद मीणा सहित 23 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। ज्ञातव्य रहे कि मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था। परिजनों ने शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही रखा है और एक करोड़ रुपये मुआवजे व सरकारी नौकरी की मांग रखी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंडासु ने जांच का आश्वासन दिया था। जांच आने से पहले ही किशनगंज थाना स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया है। दरअसल, लोकेश सुमन को पुलिस ने 26 जुलाई को हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उसे न्यायालय में पेश करने के बाद 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया था। रिमांड अवधि के दौरान ही 28 जुलाई सोमवार को उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के भाई राजेंद्र माली ने आरोप लगाया कि लोकेश पूरी तरह स्वस्थ था और उसे कोई बीमारी नहीं थी। राजेंद्र ने बताया कि 26 जुलाई को वे लोकेश से मिलने गए थे, लेकिन पुलिस ने मिलने नहीं दिया। उन्होंने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी के चलते लोकेश की मौत हुई। परिजनों ने भंवरगढ़ और किशनगंज थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की रखी थी। बता दें, जूडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सोमवार को शव का पोस्टमार्टम हो चुका था, लेकिन परिजनों ने इसे उठाने से इनकार कर दिया था। फिर परिजनों ने देर रात होने का हवाला देकर शव मंगलवार को उठाने की बात कही थी, लेकिन मंगलवार सुबह उन्होंने मुआवजा और नौकरी की मांग रख दी, जिससे गतिरोध बना। जिला कलेक्टर रोहिताश्व तोमर और एसपी अभिषेक अंडासु मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की, लेकिन मामला सुलझा नहीं।


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Kailash Singh

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