बांसवाड़ा बनेगा सोने का गढ़: घाटोल-कांकरिया में स्वर्ण खनन की तैयारी, मिलेगा हजारों करोड़ का राजस्व

Monday, Aug 18, 2025-04:15 PM (IST)

राजस्थान का दक्षिणांचल अब सोने का गढ़ बनने की राह पर है। बांसवाड़ा जिले के घाटोल क्षेत्र में जगपुरा और भूकिया के साथ अब कांकरिया में भी स्वर्ण खनन की तैयारी की जा रही है। यहां करीब 3 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने के भंडार के संकेत मिले हैं। खनिज विभाग ने इस क्षेत्र के अन्वेषण (Exploration) के लिए टेंडर भी निकाले थे, हालांकि तकनीकी कारणों से फिलहाल उन्हें निरस्त कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नए सिरे से टेंडर जारी होंगे।

क्या है एक्सप्लोरेशन?

खनन शुरू होने से पहले अयस्क की वास्तविक स्थिति का पता लगाने की प्रक्रिया को एक्सप्लोरेशन कहते हैं। इसमें भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, मिट्टी-पानी-चट्टानों के नमूनों की जांच, उपग्रह और हवाई तस्वीरों से अध्ययन किया जाता है। जरूरत पड़ने पर ड्रिलिंग कर कोर सैंपल निकाले जाते हैं और लैब में जांच की जाती है। इससे खनिज की मात्रा, गुणवत्ता और गहराई का सटीक अनुमान मिलता है।

बांसवाड़ा में सोने की खोज

बांसवाड़ा जिले में स्वर्ण भंडारों की खोज 1990-91 में हुई थी। जगपुरा-भूकिया क्षेत्र में लगभग 10 वर्ग किमी में सोने का भंडार मिला था। जांच में एक टन अयस्क में 1.945 ग्राम सोना पाया गया। अनुमान है कि यहां करीब 120 टन सोना मौजूद है। इस परियोजना से सरकार को हजारों करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की संभावना है। खनन के लिए चुनी गई कंपनी ने सरकार को 170 करोड़ रुपए लाइसेंस शुल्क जमा करा दिया है और अब सरकार की ओर से माइनिंग लाइसेंस का इंतजार कर रही है।

आदिवासी क्षेत्र के लिए वरदान

विशेषज्ञों का मानना है कि स्वर्ण खनन परियोजना आदिवासी अंचल के लिए वरदान साबित होगी। इससे न केवल सरकारी खजाने में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। खनन से जुड़ी कंपनियां और सहायक उद्योगों की स्थापना से पूरे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। कहा जा रहा है कि स्वर्ण खनन शुरू होने के बाद राजस्थान, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बाद भारत का प्रमुख सोना उत्पादक राज्य बन जाएगा।
 


Content Editor

Kuldeep Kundara

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