एक तरफ अजमेर दरगाह विवाद, तो वही दूसरी ओर उर्स का उत्साह..!

Saturday, Dec 07, 2024-07:45 PM (IST)

एक तरफ अजमेर दरगाह विवाद, तो वही दूसरी ओर उर्स का उत्साह..!

अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वां उर्स बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस महीने 28 दिसंबर को उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा, जबकि 2 जनवरी से उर्स की शुरुआत होगी। यह उर्स रजब माह के पहले दिन से लेकर 9 रजब तक चलेगा। दरगाह में उर्स की तैयारियां ज़ोर-शोर से जारी हैं, और हर साल की तरह इस बार भी इसे पूरे शान-ओ-शौकत के साथ मनाया जाएगा।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

अजमेर पुलिस ने दरगाह और इसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। संदिग्ध लोगों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा लगातार सर्वे किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि दरगाह क्षेत्र का निरीक्षण किया गया है, और दरगाह बाजार के साथ आसपास के होटल मालिकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने होटलों में ठहरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के दस्तावेज़ों की जांच के बाद ही कमरे उपलब्ध कराएं।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर जिला पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे दरगाह क्षेत्र में रहने वाले बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान सुनिश्चित करें। इसके तहत मकान मालिकों और होटल संचालकों को निर्देश दिया गया है कि किराएदारों के पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज़ संबंधित थाने में जमा कराएं। ऐसा न करने पर मकान या होटल मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी।

डोर-टू-डोर सर्वे

पुलिस द्वारा आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों का डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। अब तक 100 घरों में रह रहे लगभग 500 व्यक्तियों का सर्वे किया जा चुका है। जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है।
अंजुमन का संदेशअंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने Media से बातचीत में कहा कि अजमेर शरीफ में सुकून भरा माहौल है। उन्होंने देशभर के लोगों से उर्स में शिरकत करने की अपील की।चिश्ती ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और प्रमुख हस्तियों की ओर से भी मजार पर चादर चढ़ाई जाती है। प्रधानमंत्री की चादर भी यहां भेजी जाती रही है।

शिव मंदिर के दावे पर प्रतिक्रिया

दरगाह क्षेत्र में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर दायर याचिका पर उन्होंने कहा कि कोर्ट में याचिका दाखिल होने से दरगाह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यह दरगाह सभी धर्मों और जातियों के लोगों के लिए खुली है और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।

चादर चढ़ाने का महत्व

सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि गरीब नवाज की मर्जी पर ही चादर चढ़ाई जाती है। कोई चादर भेजे या न भेजे, इसका उर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
यह उर्स धार्मिक सौहार्द और भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में हर साल लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।


Content Editor

Liza Chandel

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